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प्रवीण तोगड़िया ने PM मोदी को लिखा पत्र, कहा- सत्ता की ताकत में मत बहिए

विश्व हिन्दू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक बड़ा...
प्रवीण तोगड़िया ने PM मोदी को लिखा पत्र, कहा- सत्ता की ताकत में मत बहिए

विश्व हिन्दू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। तोगड़िया ने कहा कि मोदी को सत्ता की ताकत में नहीं बहना चाहिए और अपने द्वारा किए गए वादों को पूरा करने के लिए काम करना चाहिए।

पीटीआई के मुताबिक, प्रवीण तोगड़िया ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर उनसे अपने वादों को पूरा करने, खासकर अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग की है। उन्होंने लिखा कि चुनाव जीतना आंकड़ों, मतदाता सूची और ईवीएम का खेल है, लेकिन वादे पूरे कर प्रजा अनुकूल नेता बना जाता है। समय-समय पर देश के गुजरात के और आप के भी जीवन में जो भी प्रश्न उपस्थित होते गए, हम दोनों ने साथ रहकर बहुत काम किया।

उन्होंने पत्र में लिखा कि हमारे घर, कार्यालय में आप का आना, साथ में भोजन चाय... ठहाके लगाकर हंसना, मुझे विश्वास है आप कुछ भी नहीं भूले होंगे। उन्होंने आगे लिखा कि सत्ता मिलने के साथ आपने हमसे और मूल विचारधारा से ही दूरी बना ली है। फिर भी हमारे दिल में आज भी वही संवाद की उम्मीद है और इसलिए इस पत्र में दिए गए मुद्दों पर आपसे संवाद करने के लिए मिलना चाहता हूं और आप समय जल्द देंगे ऐसा विश्वास है।

अपना पत्र साझा करने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए तोगड़िया ने कहा कि उनकी और मोदी की पिछले 12 साल से मुलाकात या बातचीत नहीं हुई है, लेकिन वह अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण सहित हिंदुओं से किए गए वादों को पूरा करने के लिए अपने‘ मोटा भाई (बड़े भाई) से भेंट करना चाहेंगे।

पत्र में कई तंज भी कसे गए हैं। तोगड़िया ने लिखा है, 'विकास के लिए हिंदुओं को अपमानित करने की आवश्यकता नहीं होती। दोनों साथ-साथ चल सकते हैं, लेकिन बातचीत होनी चाहिए। गौरक्षकों को गुंडा कहना, देवालय के पहले शौचालय जैसे तुलनात्मक बयान, कश्मीर में सेना पर हत्या के मुकदमे और जिहादी पत्थरबाजों पर मुकदमे वापस लेना, सीमा पर जवान और खेत में किसान की मौत, अचानक बदली आर्थिक नीतियों से हजारों बेरोजगार होना, यह कोई विकास नहीं है।' 

तोगड़िया ने लिखा है कि देशभर में इसकी प्रतिक्रिया हो रही है और लोगों की आवाज को सरकार दबा रही है। पत्र के मुताबिक, 3 साल से ज्यादा जनता ने राह देखी अब उनका धैर्य जवाब देने लगा है। बड़े-बड़े विज्ञापनों से, विदेशी एजेंसियों के विज्ञापन से और उत्सवों से, अब व्यक्तिगत इमेज बन सकती है, लेकिन देश और जनता तंग आ चुकी है। 

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