कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए केंद्रीय मंत्रियों को राज्यों का प्रभारी बनाया गया है। ये सभी यह सुनिश्चित करेंगे कि कोरोना संक्रमण से निपटने के दौरान राज्यों में कोई दिक्कत ना हो। ये सभी हर जानकारी पीएमओ को देंगे।
पीएमओ से एक पत्र सभी मंत्रियों को भेजा गया है, जिससे उन्हें बढ़ती बीमारी को दूर करने में सक्रिय और प्रभावी भूमिका निभाने को कहा गया है। चुने प्रतिनिधि यह सुनिश्चित करेंगे कि गरीबों और वंचितों को भोजन मिले। पीडीएस की दुकानों पर राशन ठीक से मिल रहा है या नहीं। बाजारों में जरूरी चीजें उपलब्ध हैं और इसके लिए ज्यादा कीमत तो नहीं वसूली जा रही है।
मरीजों की संख्या के बारे में करेंगे अपडेट
कोरोना वायरस को लेकर केंद्रीय मंत्री राज्यों में यह सुनिश्चित करेंगे कि कोरोना संक्रमण से निपटने के दौरान राज्यों में कोई दिक्कत ना हो। ये सभी हर जानकारी पीएमओ को देंगे। मंत्रियों का फोकस इस बात पर रहेगा कि स्वास्थ्य मंत्रालय और गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के अमल में कोई दिक्कत तो नहीं आ रही और केंद्र से कैसी मदद चाहिए। पत्र में कहा गया है कि मंत्री इस बारे में अपडेट करें कि बाहर से कितने लोग वापस आए हैं। जिले में कितने कोरोना पॉजिटिव हैं, कितने क्वारंटाइन में है, कितने लोगों को होम क्वारंटाइन में रखा गया है। कोरोना संक्रमण के टेस्टिंग सेंटर कितने हैं इसके अलावा कुछ अन्य बातों पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
ये मंत्री रखेंगे नजर
सरकार ने राज्यों में कोरोना की स्थिति पर नजर रखने के लिए केंद्रीय मंत्रियों को अलग-अलग राज्यों का प्रभारी बनाया है। महाराष्ट्र की जिम्मेदारी नितिन गडकरी और प्रकाश जावडे़कर को दी गई है जबकि बिहार का प्रभार राम विलास पासवान और रविशंकर प्रसाद को सौंपा गया है। जनरल वीके सिंह को असम का प्रभारी बनाया गया है। मुख्तार अब्बास नकवी के पास झारखंड की जिम्मेदारी होगी। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद प्रधान ओडिशा के प्रभारी होंगे। ये सभी मंत्री राज्यों की जानकारी रोजाना पीएमओ को देंगे। यूपी की जिम्मेदारी केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संजीव बाल्यान, महेंद्र नाथ पांडे, कृष्ण पाल गुर्जर को दी गई है। अर्जुन मुंडा के पास छत्तीसगढ़ की जिम्मेदारी होगी। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत राजस्थान और पंजाब में नजर रखेंगे।