मध्य प्रदेश में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए रायसेन में किसान कल्याण कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए कृषि कानूनों पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि एमएसपी को लेकर हमारी सरकार गंभीर है और वह जारी रहेगी। नए कानूनों से किसानों का हित होगा और इसमं किसी तरह की शंका हो तो सरकार उस पर बात करने और संसोधन को तैयार है।
पीएम मोदी ने कहा, "स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने का काम हमारी ही सरकार ने किया। अगर हमें एमएसपी हटानी ही होती तो स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू ही क्यों करते। हमारी सरकार एमएसपी को लेकर इतनी गंभीर है कि हर बार, बुवाई से पहले एमएसपी की घोषणा करती है। इससे किसान को भी आसानी होती है, उन्हें भी पहले पता चल जाता है कि इस फसल पर इतनी एमएसपी मिलने वाली है।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने अपने पांच साल में किसानों से लगभग 1700 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा था। हमारी सरकार ने अपने पांच साल में 3,000 लाख मीट्रिक टन धान किसानों से एमएसपी पर खरीदा है। उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पहले से ही कई राज्यों में चल रही है। इन कानूनों में किसानों के शोषण को खत्म किया गया है।
एपीएमसी कानून पर उन्होंने कहा कि यह खत्म नहीं होगा और पहले की तरह चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि नए कानून में हमने सिर्फ इतना कहा है कि किसान चाहे मंडी में बेचे या फिर बाहर, ये उसकी मर्जी होगी। अब जहां किसान को लाभ मिलेगा, वहां वो अपनी उपज बेचेगा। उन्होंने कहा कि तीनों कानून लगभग छह सात माह पहले लागू हो गए हैं और ये पूरी तरह किसानों तथा कृषि क्षेत्र में बेहतरी को लेकर हैं।
पीएम ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जितना ये वादा करते हैं उतना कभी कर्ज माफ नहीं करते थे, इसका फायदा कांग्रेस के करीबियों और रिश्तेदारों को मिलता था। ये सिर्फ बड़े किसानों का कर्ज माफ करते थे और समझते थे अपना काम पूरा हो गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 10 साल में एक बार 50 हजार करोड़ रुपये की कर्ज माफी की बात कही, लेकिन हमारी सरकार किसान सम्मान योजना में हर साल 75 हजार करोड़ दिया जा रहा है।
पीएम ने कहा कि मैं सभी राजनीतिक दलों को कहना चाहता हूं कि आप अपना क्रेडिट अपने पास रखिए। मुझे क्रेडिट नहीं चाहि।. मुझे किसान के जीवन में आसानी चाहिए, समृद्धि चाहिए, किसानी में आधुनिकता चाहिए। कृपा करके किसानों को बरगलाना, उन्हें भ्रमित करना छोड़ दीजिए। अचानक भ्रम और झूठ का जाल बिछाकर अपनी राजनीतिक जमीन जोतने के खेल खेले जा रहे हैं। किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर वार किए जा रहे हैं।
बीते समय में ओले गिरने, प्राकृतिक आपदा की वजह से मध्य प्रदेश के किसानों का नुकसान हुआ है। किसान कल्याण कार्यक्रम में राज्य के ऐसे 35 लाख किसानों के बैंक खातों में 1600 करोड़ रुपये भेजे गए। बता दें, दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आज लगातार 23वें दिन प्रदर्शन जारी है। किसान केंद्र के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।