नीरव मोदी पहले ऐसे कारोबारी नहीं हैं जिनका नाम घोटाले में जुड़ा हो। इससे पहले कई नामचीन कारोबारियों का नाम सुर्खियों में आया लेकिन वह देश छोड़कर फरार हो गए। किंगफिशर ग्रुप के विजय माल्या, पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी, कॉरपोरेट लॉबिस्ट दीपक तलवार और आर्म्स डीलर संजय भंडारी का नाम भी मनी लॉन्ड्रिंग और घोटालों में सामने आ चुका है। कार्रवाई से बचने के लिए फिलहाल यह सभी देश छोड़ चुके हैं। सवाल यह है कि आखिर इन पर समय रहते शिकंजा क्यों नहीं कसा जा सका।
2010 में तत्कालीन इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) कमिश्नर ललित मोदी पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज हुआ था। इसके बाद उन्होंने कोच्चि आईपीएल टीम का स्वामित्व छोड़ दिया था। ललित मोदी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था जिसका जवाब नहीं देने पर उन्हें आईपीएल के कमिश्नर पद से हटा दिया गया। अपने परिवार की सुरक्षा का हवाला देकर वह इंग्लैंड चले गए।
करीब 900 करोड़ रुपये का लोन नहीं चुकाने पर भगोड़ा घोषित किए जा चुके शराब कारोबारी विजय माल्या भी भारत छोड़ चुके हैं। उनके खिलाफ देश में कई मामले चल रहे हैं। मार्च 2016 में माल्या को देश छोड़ने से रोकने के लिए कई बैंक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे पर कोर्ट जब तक कोई आदेश देता, माल्या देश छोड़ चुके थे। अभी वह लंदन में हैं।
टैक्स चोरी के मामले में हथियार डीलर संजय भंडारी के खिलाफ आयकर विभाग कार्रवाई कर रहा है। टैक्स चोरी और मनी लॉड्रिंग के एक मामले में शामिल होने को लेकर आयकर विभाग ने संजय भंडारी की दिल्ली में 21 करोड़ रुपये की संपत्ति भी कुर्क की है।
कॉरपोरेट लॉबिस्ट दीपक तलवार पर कथित तौर पर करीब एक हजार करोड़ रुपये रिश्वत लेने के मामले में आयकर विभाग ने पांच मामले दर्ज किए थे। जांच में सामने आया है कि विमानन क्षेत्र में सक्रिय और दूरसंचार और विमानन सौदों की दलाली करने वाले दीपक तलवार ने यूपीए शासन के दौरान अपने ग्राहकों के फायदे के लिए अधिकारियों को रिश्वत दी थी। पिछले साल जून में आईटी अधिकारियों ने तलवार के घर पर छापा मारा था। केस आगे बढ़ने से पहले ही तलवार भारत छोड़ कर फरार हो गए। फिलहाल वो संयुक्त अरब अमीरात में हैं। वहां उनके देश छोड़ने पर रोक लगा दी गई है।