पश्चिमोत्तर दिल्ली से भाजपा सांसद ने ट्वीट किया, जमैका के उसेन बोल्ट बहुत गरीब थे। उनके प्रशिक्षक ने उन्हें दोनों वक्त बीफ खाने की सलाह दी थी और उन्होंने ओलंपिक में नौ स्वर्ण पदक जीते। बीफ भाजपा के लिए बेहद भावनात्मक मुद्दा है और देश में भाजपा शासित सरकारों ने बीफ के कारोबार पर प्रतिबंध लगाने के लिए कड़े कानून बनाए हैं।
बहरहाल, उदित ने यह कहकर विवाद को कम करने की कोशिश की कि उन्होंने बस बोल्ट के प्रशिक्षक की बातों को दोहराया है और उनके कहने का यही मतलब था कि कोई भी एथलीट विपरीत परिस्थितियों के बावजूद रास्ता तलाश सकता है और उन्हें अपनी नाकामियों के लिए हालात को जिम्मेदार नहीं मानना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत में खिलाड़ियों के लिए सुविधाओं की कमी नहीं थी। उन्होंने कहा, मैं यही कहना चाहता हूं कि इस बात की दुहाई देते रहना कि हमारे पास बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं या यहां भ्रष्टाचार को खत्म किया जाना चाहिए, इन बातों को परे हटाकर उसेन बोल्ट से सबक, समर्पण का सबक लेना चाहिए... मैं जो कहना चाहता हूं वह यह कि हमारे खिलाड़ी रास्ते और तरीके तलाशें, जिस तरह से उन्होंने (उसेन बोल्ट ने) किया। बहरहाल, भाजपा सांसद ने बीफ के किसी उल्लेख से बचते हुए कहा कि जमैका या केन्या जैसे देशों की तुलना में हमारी सरकार उन पर (खिलाडि़यों पर) बड़ी रकम खर्च करती है।
भाषा