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राष्ट्रपति को जीएसटी परिषद जल्द गठित होने की उम्मीद

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उम्मीद जताई है कि सरकार जल्द ही जीएसटी परिषद का गठन करेगी और अप्रत्यक्ष करों के गहन असर को कम करेगी। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने से भारत की दो हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था और 1.3 अरब उपभोक्ता सभी पहली बार एक साझा बाजार में तब्दील हो जाएंगे।
राष्ट्रपति को जीएसटी परिषद जल्द गठित होने की उम्मीद

जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को पिछले महीने संसद से मंजूरी मिलने के बाद 19-20 राज्यों ने इसका अनुमोदन कर दिया। इसके बाद राष्ट्रपति ने भी जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को गुरुवार को अपनी संस्तुति प्रदान कर दी है। सरकार अगले साल एक अप्रैल से इसे लागू करना चाहती है।

राष्टपति ने यहां करर वैश्य बैंक के शताब्दी समारोह के मौके पर कहा, मुझे उम्मीद है कि वित्त मंत्रालय अब जीएसटी परिषद बनाने के लिए उचित कदम उठाएगा, जो जीएसटी की दर तय करेगी। अब यह जीएसटी परिषद की जिम्मेदारी होगी कि हमारी अर्थव्यवस्था में वस्तु एवं सेवा कर की एक समान दर हो। राष्ट्रपति ने कहा कि उत्पाद शुल्क, सेवा शुल्क और मूल्यवर्धित कर जैसे विभिन्न प्रकार के केंद्रीय और राज्य अप्रत्यक्ष करों को समाहित करने वाला जीएसटी न केवल एक समान दर वाला होगा, बल्कि इसके तहत विभिन्न बिंदुओं पर भी कर नहीं देना होगा। जीएसटी व्यवस्था में केवल एक बिंदु पर ही कर लगेगा। इसलिये इस नई व्यवस्था का असर गंभीर नहीं होगा।

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