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पद्मावत: मुजफ्फरपुर के सिनेमाघर में करणी सेना के समर्थकों का हंगामा, फिल्म के पोस्टर फाड़े

सुप्रीम कोर्ट से 'पद्मावत' की रिलीज को हरी झंडी मिलने के बाद भी राजपूत करणी सेना के अड़ियल रुख में कोई...
पद्मावत: मुजफ्फरपुर के सिनेमाघर में करणी सेना के समर्थकों का हंगामा, फिल्म के पोस्टर फाड़े

सुप्रीम कोर्ट से 'पद्मावत' की रिलीज को हरी झंडी मिलने के बाद भी राजपूत करणी सेना के अड़ियल रुख में कोई बदलाव नहीं आ रहा है। यहां न्यायपालिका के सम्मान का भी मसला है।

बिहार के मुजफ्फरपुर में करणी सेना के समर्थकों ने गुरुवार को 'पद्मावत' की रिलीज का विरोध करते हुए ज्योति सिनेमा में फिल्म के पोस्टर फाड़े और हंगामा किया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 'पद्मावत' देश भर में 25 जनवरी को रिलीज होनी है।

करणी सेना के समर्थकों को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली कि मुजफ्फरपुर के ज्योति सिनेमा में 'पद्मावत' 25 जनवरी को रिलीज होनी है, वे भारी संख्या में वहां पहुंच गए। लाठी और तलवारों के साथ पहुंचे करणी सेना के समर्थकों ने सिनेमा हॉल में लगे 'पद्मावत' के पोस्टर्स फाड़ डाले। समर्थकों ने अन्य सिनेमाघरों को 'पद्मावत' फिल्म न दिखाने की धमकी भी दी। उन्होंने धमकी दी कि यदि कोई सिनेमाघर 'पद्मावत' फिल्म का प्रदर्शन करेगा तो उसे भी अंजाम भुगतना होगा। हंगामा करने के बाद करणी सेना के समर्थक वहां से चले गए। मौके पर पहुंची पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

राजपूत करणी सेना के प्रमुख लोकेंद्र सिंह कालवी ने अपने बिहार दौरे के समय अपने समर्थकों से फिल्म का प्रदर्शन न होने देने के लिए कहा था।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 'पद्मावत' की रिलीज को हरी झंडी दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकारों को फटकार भी लगाई। इस बीच, भाजपा शासित राज्य सरकारें शीर्ष अदालत के इस निर्णय की काट निकालने का रास्ता ढूंढने लगी हैं। जबकि राजपूत करणी सेना ने कहा है कि वह इस फिल्म को सिनेमाघरों में चलने नहीं देगी। भाजपा शासित कई राज्यों के मंत्रियों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने की बात कही है। शीर्ष न्यायालय ने गुरुवार को राज्य सरकारों को फटकार लगाते हुए पूरे देश में इस फिल्म को रिलीज करने का आदेश दिया।

प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली और न्यायमूर्ति एएम खानविलकर तथा न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ ने किसी भी अन्य राज्य को फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने वाला आदेश अथवा अधिसूचना जारी करने पर भी रोक लगा दी। पीठ ने कहा कि कानून व्यवस्था कायम रखना राज्यों का दायित्व है।

पीठ ने अपने अंतरिम आदेश में कहा, ‘हम निर्देश देते हैं कि जारी की गई इस तरह की अधिसूचना और आदेशों के क्रियान्वयन पर रोक रहेगी। इस मामले में इस तरह की अधिसूचना अथवा आदेश जारी करने से हम अन्य राज्यों को भी रोक रहे हैं।’

शीर्ष अदालत के फैसले पर राजपूत करणी सेना के प्रमुख लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा, 'पूरे देश के सामाजिक संगठन से अपील करूंगा कि पद्मावत नहीं चलनी चाहिए। सिनेमाघरों पर जनता कर्फ्यू लगा दें।'

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