Advertisement

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिए अहम मंच बनने जा रहा है ‘क्वाड’: जो बाइडेन

क्वाड वर्चुअल सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र...
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिए अहम मंच बनने जा रहा है ‘क्वाड’: जो बाइडेन

क्वाड वर्चुअल सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिए ‘क्वाड’ अहम मंच बनने जा रहा है। ‘क्वाड’ दरअसल चार देशों- भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका का एक समूह है और 2007 में इसकी स्थापना के बाद से इन चार सदस्यों देशों के प्रतिनिधि समय-समय पर मिलते रहे है।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने क्षेत्र में स्थायित्व लाने के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।  उन्होंने कहा, 'क्षेत्र में स्थायित्व लाने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका आपके साथ और अन्य सभी सहयोगियों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।' बाइडन ने कहा कि यह समूह खासतौर पर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि प्रैक्टिकल समाधान और ठोस नतीजे को लेकर समर्पित है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि क्वाड का युग आया है और यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र के स्थायित्व में महत्वपूर्ण खंभा बना रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत का प्राचीन सिद्धांत ‘वसुधैव कुटुंबकम’ जो पूरी दुनिया को एक परिवार मानता है, इसके सकारात्मक विचार को देखता हूं। हिंद प्रशांत के समृद्ध और स्थायित्व के लिए हम पहले की तरह एक साथ करीब से काम करते रहेंगे।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने इस क्षेत्र के महत्व को उल्लेखित करते हुए कहा कि 21वीं शताब्दी की दुनिया का भविष्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र तय करेगा। उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि आइए, हिंद-प्रशांत क्षेत्र के चार महान लोकतंत्रों के नेताओं के तौर पर हम अपनी भागीदारी को शांति, स्थायित्व और समृद्धता का प्रतीक बनाएं।

बैठक में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलियाई के पीएम स्कॉट मौरिसन और जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा भी शामिल हैं। क्वाड नेताओं की इस तरह की यह पहली बैठक है। बता दें कि क्वाड के देश साउथ चाइन सी और हिंद प्रशांत क्षेत्र में नियम आधारित व्यवस्था की वकालत करते रहे हैं।  रणनीतिक और सामरिक तौर पर भारत का क्वाड में अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया के साथ बढ़ता सहयोग इस पूरे इलाके में संतुलन बनाए रखने के लिहाज से भी काफी अहम है। खास तौर से ये देश आपूर्ति श्रृंखला को लेकर चीन का विकल्प तैयार करने के मामले में एकमत नजर आते हैं।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
  Close Ad