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पंजाब सरकार सुरक्षा की लिखित गारंटी देगी तो बहाल होंगी रेल सेवाएं: पीयूष गोयल

केंद्र के कृषि विधेयकों के विरोध में गुरुवार को देशभर में दोपहर 12 बजे से लेकर 4 बजे तक चक्का जाम के बीच...
पंजाब सरकार सुरक्षा की लिखित गारंटी देगी तो बहाल होंगी रेल सेवाएं: पीयूष गोयल

केंद्र के कृषि विधेयकों के विरोध में गुरुवार को देशभर में दोपहर 12 बजे से लेकर 4 बजे तक चक्का जाम के बीच पंजाब में रेल सेवाएं बहाल करने का भरोसा रेल मंत्री ने दिया है। गुरुवार को पंजाब कांग्रेस के सांसदों से प्रस्तावित बैठक से पहले ही पंजाब भाजपा नेताओं के प्रतिनिधि मंडल को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने आश्वस्त किया है कि पंजाब सरकार जैसे ही ट्रेनों की आवाजाही की सुरक्षा की लिखित गारंटी देगी मंत्रालय रेल विभाग को माल गाड़ियों और यात्री गाड़ियों को परिचालन की अनुमति प्रदान कर देगा। रेल मंत्रालय ने एक बार फिर से पंजाब सरकार से कहा है कि वह रेलवे ट्रैक और स्टेशनों पर बैठे किसान आंदोलनकारियों को वहां से हटा दे ताकि माल और यात्री सेवाओं को दोबारा से बहाल किया जा सके।

रेल मंत्री से मुलाकात के लिए पंजाब भाजपा का प्रतिनिधित्व करने वाले नागरिक उड्डयन मंत्री एंव शहरी आवास मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरूण चुघ, प्रवक्ता आरपी सिंह व पंजाब भाजपा अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने गोयल से मांग की कि पंजाब में जल्द से जल्द माल और यात्री सेवाओं को बहाल किया जाए। रेल मंत्री को अवगत करवाया गया कि राज्य में चल रहे किसान आंदोलन ने रेल संपत्ति को लक्षित करके पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से  यात्री और मालगाड़ी सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित किया है। परिणाम स्वरूप राज्य अब कोयला, उर्वरक, सीमेंट, पीओएल, कंटेनर और स्टील की भारी कमी का सामना कर रहा है।  थर्मल पावर प्लांट और अन्य उद्योगों में उत्पादन लगभग ठप हो गया है। इस पर पीयूष गोयल ने उन्हें भरोसा दिलाया कि जैसे ही पंजाब सरकार रेल सेवाओं के लिए सुरक्षा की गारंटी लेती है तो तुरंत ही माल और यात्री सेवाओं बहाल कर दिया जाएगा।

पिछले 42 दिन से रेल सेवाएं बाधित होने से पंजाब के थर्मल प्लांटों में कोयले का स्टॉक खत्म होने की वजह से बिजली उत्पादन ठप है। शहरों में दो से चार और ग्रामीण इलाकों को 6 से 8 घंटे बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है। किसानों के समक्ष यूरिया,डीएपी और रबी फसलों के बीजों का संकट पैदा हो गया हे तो वहीं उद्योगांे के समक्ष कच्चे माल की आपूर्ति और तैयार माल अन्य राज्यों और निर्यात के लिए बंदरगाहों पर भेजने में मुश्किल आ रही है।

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