राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस के एक विधायक ने मंगलवार को अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कई विभागों में काम अटका हुआ है। बसपा से कांग्रेस में शामिल होने वाले वाजिब अली ने राज्य के मंत्रियों के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि पार्टी को विधानसभा चुनावों में अपना नुकसान उठाना पड़ेगा।
उन्होंने शिक्षा विभाग में उर्दू शिक्षकों की लंबित भर्ती और स्कूलों में उर्दू को एक विषय के रूप में पेश करने में देरी का उल्लेख किया। विधायक ने कहा, 'कुछ विभागों में कोई काम नहीं हो रहा है।
अली ने बाद में कहा, 'ये सभी सार्वजनिक मामले हैं और अगर इन्हें नहीं सुलझाया गया तो इसका असर निश्चित तौर पर आने वाले चुनावों पर पड़ेगा। राज्य में अगले साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं।
उन्होंने कहा, ''सिर्फ मुख्यमंत्री की मेहनत से कुछ नहीं होगा. हम सबको कड़ी मेहनत करनी होगी. हम मेहनत कर रहे हैं लेकिन जो नहीं कर रहे हैं उन्हें इसका खामियाजा भुगतना होगा.''
विधायक ने आगे कहा, "बड़ी समस्याएं हैं, अगर हमने उन्हें समय पर हल नहीं किया, तो इसका खामियाजा पूरी सरकार को भुगतना पड़ेगा, मैं स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं।" अली ने कहा कि उन्होंने गहलोत को इन मुद्दों से अवगत करा दिया है और उम्मीद है कि इन्हें जल्द ही सुलझा लिया जाएगा।बसपा के छह विधायक राजेंद्र गुढ़ा, लखन मीणा, दीपचंद खेरिया, संदीप यादव, जोगिंदर अवाना और वाजिब अली सितंबर 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए थे।