एक बड़े घटनाक्रम में, कन्नड़ फिल्म अभिनेत्री रान्या राव और सह-आरोपी तरुण कोंडारू राजू को मंगलवार को सोना तस्करी मामले में आर्थिक अपराध की एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी।
राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) द्वारा निर्धारित अवधि के भीतर आरोप पत्र दाखिल करने में विफल रहने के बाद अदालत ने उनकी जमानत याचिका को मंजूरी दे दी।
जज ने क्या कहा?
न्यायाधीश विश्वनाथ सी गौदर ने जमानत मंजूर करते हुए प्रत्येक आरोपी को दो लाख रुपये का बांड और दो जमानतें पेश करने का निर्देश दिया। अतिरिक्त शर्तों में अदालत की अनुमति के बिना अंतर्राष्ट्रीय यात्रा पर प्रतिबंध, जांच में पूर्ण सहयोग तथा ऐसी गतिविधियों में शामिल न होना शामिल है।
तस्करी मामले में जमानत मिलने के बावजूद रान्या राव को अभी भी सलाखों के पीछे ही रहना होगा। प्राधिकारियों ने उनके खिलाफ विदेशी मुद्रा संरक्षण एवं तस्करी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम, 1974 (कोफेपोसा) के तहत एक अलग मामला दर्ज किया है। यह एक निवारक निरोध कानून है जो तस्करी से निपटने और विदेशी मुद्रा भंडार के संरक्षण के लिए बनाया गया है। COFEPOSA के तहत, ऐसी गतिविधियों में संलिप्तता के संदेह पर किसी व्यक्ति को बिना किसी मुकदमे के एक वर्ष तक हिरासत में रखा जा सकता है।
मामले की पृष्ठभूमि
रान्या राव को 3 मार्च को दुबई से आने के बाद बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। एक गुप्त सूचना के आधार पर, डीआरआई अधिकारियों ने उसे हिरासत में लिया और उसके पास से 12.56 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 14.2 किलोग्राम सोने की छड़ें बरामद कीं। जांच जारी है और राव की रिहाई अब COFEPOSA के तहत कानूनी कार्यवाही के परिणाम पर निर्भर करेगी।