शिष्या से रेप के मामले में दाती महाराज के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग पर दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने नोटिस जारी कर पुलिस से प्रगति रिपोर्ट भी तलब की है। मामले में अगली सुनवाई 30 अगस्त को होगी।
दिल्ली के छतरपुर स्थित शनिधाम के संस्थापक दाती महाराज उर्फ मदन लाल राजस्थानी के खिलाफ चल रही दिल्ली पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए पीड़िता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। पीड़िता ने पुलिस पर जांच में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए कहा है कि एफआईआर के डेढ़ माह बाद भी दिल्ली पुलिस ने दाती महाराज को गिरफ्तार नहीं किया है।
इस मामले पर जिला अदालत और हाईकोर्ट भी सवाल उठा चुकी है जिसके चलते जांच की निगरानी डीसीपी क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी। पीड़िता ने मामले की जांच दिल्ली पुलिस से लेकर सीबीआई को देने और दाती महाराज तथा अन्य आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की है। साथ ही कहा है कि दाती महाराज के दिल्ली और राजस्थान के पाली में स्थित आश्रमों को सील किया जाए।
इससे पहले मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग एक एनजीओ ने जनहित याचिका दायर कर की थी। हाईकोर्ट ने इसे सुनवाई के बाद खारिज करते हुए कहा था कि याचिका में पीड़िता का हलफनामा नहीं है। यह याचिका दायर करने का अधिकार एनजीओ के सचिव को नहीं है।
पीड़ित महिला ने दाती महाराज के खिलाफ दक्षिण दिल्ली के फतेहपुर बेरी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। महिला ने पुलिस को बताया कि वह एक दशक से स्वयंभू बाबा की शिष्या रही है, लेकिन दाती महाराज और उसके दो शिष्यों द्वारा उसके साथ बलात्कार किए जाने के बाद वह अपने गृह प्रदेश राजस्थान लौट गई।
युवती ने आरोप है कि बाबा की एक अन्य महिला अनुयायी उसे महाराज के कमरे में जबरन भेजती थी। मना करने पर धमकाती थी कि वह सभी से कहेगी कि पीड़िता अन्य चेलों के साथ भी यौन संबंध बनाती है। वह करीब दो साल पहले आश्रम से भाग गयी थी और लंबे समय से अवसाद में थी। अवसाद से उबरकर उसने अपने माता-पिता को पूरी बात बतायी।
अपराध शाखा पुलिस दाती महाराज से कई बार पूछताछ कर चुकी है। पुलिस ने उनसे पीड़िता व अन्य के बारे में पूछताछ की थी। दाती महाराज ने पुलिस को अपनी बेगुनाही का सबूत देने के लिए कुछ वीडियो और दस्तावेज भी दिखाए। दाती महाराज ने पुलिस को कुछ इलेक्ट्रानिक सबूत भी दिए हैं लेकिन अभी तक दाती महाराज की गिरफ्तारी नहीं की है।