सुप्रीम कोर्ट को चार नए जज मिल गए हैं। महज 48 घंटे के भीतर कॉलेजियम की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने गुरूवार को चारों जजों की नियुक्ति के वारंट जारी कर दिए। इसके बाद जजों की संख्या बढ़कर 28 हो गई है। सुप्रीम कोर्ट में जजों के कुल 31 पद स्वीकृत हैं, अभी भी तीन पद खाली हैं।
शुक्रवार को जस्टिस हेमंत गुप्ता, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस एमआर शाह तथा जस्टिस अजय रस्तोगी ने सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर शपथ ले ली। चीफ जस्टिस रंजन गोगाई ने इन जजों को शपथ दिलाई।
पहली बार इतने कम समय में मंजूर हुई सिफारिश
ये पहला मौका है जब कॉलेजियम की सिफारिश इतने कम समय में मंजूर करते हुए सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति की गई है। 30 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों के कॉलेजियम ने चार नए जजों की नियुक्ति पर मंजूरी दी और 31 अक्टूबर को केंद्र सरकार को सिफारिश भेज दी थी।
इससे पहले जस्टिस के एम जोसफ की नियुक्ति का मामला खासा चर्चित रहा था और कई बार की सिफारिश के बाद सरकार ने जोसफ की नियुक्ति को मंजूरी दी थी। जिसे लेकर राजनीतिक गलियारों में खासा माहौल गरमाया था।
विभिन्न हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस थे ये जज
कॉलेजियम में चीफ जस्टिस के अलावा सुप्रीम कोर्ट के चार सबसे सीनियर जज जस्टिस मदन बी लोकूर, जस्टिस कुरियन जोसफ, जस्टिस ए के सीकरी और जस्टिस एस ए बोबडे शामिल होते हैं।
जिन जजों को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया है वह सभी विभिन्न हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस थे। जस्टिस हेमंत गुप्ता मध्य प्रदेश के चीफ जस्टिस थे तो जस्टिस सुभाष रेड्डी गुजरात हाई कोर्ट थे। जस्टिस एमआर शाह पटना के और जस्टिस अजय रस्तोगी त्रिपुरा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस थे।