दिल्ली की साकेत जिला न्यायालय ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 के संबंध में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कैबिनेट मंत्री गोपाल राय, विधायक प्रकाश जरवाल और अन्य के खिलाफ जांच दिल्ली पुलिस को जांच के निर्देश देने की मांग वाली एक शिकायत को खारिज कर दिया।
शिकायतकर्ता चंद कपिल ने अरविंद केजरीवाल, गोपाल राय और प्रकाश जरवाल के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 156 (3) के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। जिसमें दावा किया गया था कि विधानसभा क्षेत्र -47 केवल एससी समुदाय के लिए आरक्षित है।
शिकायत कर्ता दावा किया कि विधायक प्रकाश जरवाल बैरवा समुदाय से हैं जो दिल्ली में ओबीसी की श्रेणी में आता है। इसलिए वे चुनाव लड़ने योग्य नही थे। फिर भी उन्हें अरविंद केजरीवाल और गोपाल राय ने उन्हें विधानसभा चुनाव का उम्मीदवार बनाया।
शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि अनुसूचित जाति समुदाय के किसी भी सदस्य को आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित होने से वंचित करने के लिए प्रकाश जारवाल को जानबूझकर एससी विधानसभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया गया था।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वृंदा कुमारी ने कुछ दिन पहले आदेश पारित किया। उन्होंने कहा था कि वर्तमान शिकायत दिल्ली के उच्च न्यायालय के समक्ष चुनाव याचिका दायर करने के दो साल बाद और शिकायत दर्ज करने के एक साल बाद दर्ज की गई है। इस देरी का कोई ठोस कारण नहीं बताया गया है।
अदालत के फैसले में कहा कि उपरोक्त चर्चा के मद्देनजर शिकायतकर्ता के खिलाफ किसी भी संज्ञेय अपराध का खुलासा नहीं होता है। इसलिए प्राथमिकी दर्ज करने या संज्ञान लेने का कोई आधार नहीं है। इसलिए यह मामला खारिज किया जाता है।