बेंगलूरू की पत्रकार गौरी लंकेश और कन्नड़ लेखक और तर्कवादी एमएम कलबुर्गी की हत्या एक ही बंदूक से की गई थी। एसआइटी सूत्रों के अनुसार यह खुलासा स्टेट फॉरेंसिक साइंस लेब्रोटरी की रिपोर्ट से हुआ है। यह रिपोर्ट गौरी लंकेश की हत्या के सिलसिले में गिरफ़्तार किए गए केटी नवीन कुमार के खिलाफ विशेष जाच दल द्वारा दायर पहली चार्जशीट का हिस्सा है।
समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार, पहली बार किसी सरकारी एजेंसी द्वारा इन करीब दो साल के अंतराल पर हुई इन दोनों हत्याओं के बीच संबंध होने की बात मानी गई है। कलबुर्गी (77) को 30 अगस्त 2015 को धारवाड़ में उनके घर के सामने गोली मारी गई थी जबकि 55 वर्षीय लंकेश की हत्या बेंगलूरू में हुई थी।
एसआइटी के सदस्य पहले एक ही बंदूक की थ्योरी पर बात कर रहे थे। सूत्रों के अनुसार इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 7.65 एमएम की जिस देसी बंदूक से गौरी को मारा गया वह वही बंदूक थी जिससे कलबुर्गी को मारा गया था।
हिंदू विरोधी बयान देने को लेकर चर्चित रही लंकेश की हत्या उनके घर के सामने की गई थी। इसके बाद पूरे देश में रोष व्याप्त हो गया था। उनकी हत्या की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया गया था। एसआइटी ने इस मामले में पिछले साल मद्दुर से एक आरोपी केटी नवीन कुमार को गिरफ्तार किया था।
इसके अलावा एक अन्य लेखक और तर्कवादी केएस भगवान की हत्या की हत्या की साजिश रच रहे चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। भगवान की हिंदुवाद के आलोचक माने जाते हैं। एसआइटी इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं इनके लिंक भी गौरी हत्याकांड से तो जुड़े नहीं है।