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जबरन वसूली मामले में समीर वानखेड़े को बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत, शाहरुख खान से बातचीत का चैट्स भी आया सामने

मुंबई एनसीबी के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को बोम्बे हाई कोर्ट से आर्यन खान क्रूज ड्रग्स केस...
जबरन वसूली मामले में समीर वानखेड़े को बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत, शाहरुख खान से बातचीत का चैट्स भी आया सामने

मुंबई एनसीबी के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को बोम्बे हाई कोर्ट से आर्यन खान क्रूज ड्रग्स केस से जुड़े भ्रष्टातार मामले में शुक्रवार को बड़ी राहत मिली। हाई कोर्ट ने वानखेड़े को 22 मई तक गिरफ्तारी से राहत देते हुए उन्हें जांच में सहयोग करने को कहा है। वानखेड़े शनिवार को मामले में सीबीआई के दफ्तर बयान दर्ज कराने जाएंगे।

वानखेड़े ने हाई कोर्ट मे कहा कि मुझे शिकायत सीबीआई से नहीं है लेकिन एनसीबी के अधिकारी हमें टारगेट कर रहे हैं। हाई कोर्ट में वानखेड़े ने अपनी याचिका में अपने और आर्यन खान के पिता और अभिनेता शाहरुख खान के बीच की चैट का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि आर्यन के साथ कुछ ग़लत नहीं हुआ है। उन्होंने इस चैट की जानकारी ज्ञानेश्वर सिंह को दी थी।

वानखेड़े ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, उनसे सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ दायर पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) को खारिज करने का आग्रह किया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने आर्यन खान को क्रूज का ड्रग मामले में फंसाने से रोकने के लिए शाहरुख खान से 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। वानखेड़े ने अपनी याचिका में गिरफ्तारी या किसी अन्य दंडात्मक कार्रवाई से भी सुरक्षा मांगी है।

आर्यन खान को 3 अक्टूबर, 2021 को एनसीबी ने एक क्रूज जहाज पर छापे के बाद गिरफ्तार किया था। हालांकि, एनसीबी द्वारा उनके खिलाफ अपने आरोपों को साबित करने में विफल रहने के कारण उन्हें बॉम्बे हाई कोर्ट ने तीन सप्ताह के बाद जमानत दे दी थी।

सीबीआई ने एनसीबी द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर वानखेड़े और अन्य पर आपराधिक साजिश, जबरन वसूली की धमकी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिश्वतखोरी का आरोप लगाया है। जांच एजेंसी के मुताबिक, एनसीबी के मुंबई जोन को अक्टूबर 2021 में निजी क्रूज शिप पर व्यक्तियों द्वारा नशीले पदार्थों के सेवन और कब्जे के बारे में सूचना मिली थी जिसमें आरोप गया कि एनसीबी के कुछ अधिकारियों ने साजिश रची और आरोपी व्यक्तियों से रिश्वत प्राप्त की।

इससे पहले, दिल्ली उच्च न्यायालय ने वानखेड़े को जबरदस्ती की कार्रवाई से पांच दिनों की सुरक्षा प्रदान की थी, जिससे उन्हें उपयुक्त मंच से संपर्क करने की अनुमति मिली।

सीबीआई ने मामले के सिलसिले में गुरुवार को वानखेड़े को पूछताछ के लिए मुंबई बुलाया था। हालांकि वानखेड़े एजेंसी की टीम के सामने पेश नहीं हुए। वानखेड़े ने कहा कि उन्होंने दिल्ली में एससी आयोग में एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें ज्ञानेश्वर सिंह के खिलाफ उनकी पिछड़ी समुदाय की पृष्ठभूमि के आधार पर अपमानजनक भाषा का उपयोग करने के लिए प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई थी।

इसके अलावा, वानखेड़े ने खुलासा किया कि उन्होंने ज्ञानेश्वर सिंह द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट के संबंध में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि उन्होंने सिंह के खिलाफ पिछले साल अगस्त में मुंबई के गोरेगांव पुलिस स्टेशन में एससी-एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का प्रयास किया था। हालांकि अभी तक इस मामले को लेकर कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।

वानखेड़े ने दावा किया कि उन्होंने ड्रग मामले में अपने वरिष्ठों के निर्देश के आधार पर आर्यन खान को हिरासत में लिया था। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उन्होंने नियमित रूप से अपने वरिष्ठों को जांच की प्रगति के बारे में सूचित किया।

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