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अजीत पवार ने शरद पवार को दिया 'केंद्र में जगह' का ऑफर! संजय राउत बोले, "अजीत इतने बड़े नेता नहीं हैं..."

महाराष्ट्र की राजनीति में हाल में आए बड़े बदलाव में अजीत पवार ने शरद पवार का साथ छोड़कर प्रदेश का...
अजीत पवार ने शरद पवार को दिया 'केंद्र में जगह' का ऑफर! संजय राउत बोले,

महाराष्ट्र की राजनीति में हाल में आए बड़े बदलाव में अजीत पवार ने शरद पवार का साथ छोड़कर प्रदेश का उपमुख्यमंत्री पद संभाला। एनडीए गठबंधन के साथ आए अजीत पवार ने अब शरद पवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान देने का ऑफर दिया है। इन रिपोर्ट्स पर बात करते हुए शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि अजीत पवार इतने बड़े नेता नहीं हैं कि शरद पवार को ऑफर दे सकें।

दरअसल, न्यूज़ एजेंसी एएनआई ने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से यह जानकारी साझा की है। एएनआई के मुताबिक, अजीत पवार ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह देने का ऑफर दिया है। इसपर शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट की तरफ से प्रतिक्रिया आई है।

शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा, "अजीत पवार इतने बड़े नेता नहीं हैं कि वो शरद पवार को ऑफर दे सकें। पवार साहब ने अजित पवार को बनाया, अजित पवार ने शरद पवार को नहीं बनाया। शरद पवार को संसदीय राजनीति का 60 साल का अनुभव है। वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। उनका (शरद पवार) कद ऊंचा है। अजीत पवार जूनियर हैं। ऐसा कभी होता है क्या राजनीति में ?"

 

 

हाल में, महाराष्ट्र की राजनीति के एक और नाटकीय मोड़ में, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजीत पवार ने अपने चाचा और पार्टी प्रमुख शरद पवार से विद्रोह करते हुए भारतीय जनता पार्टी और शिव सेना से हाथ मिला लिया और वह अपने साथ आठ अन्य विधायकों को लेकर राज्य की सरकार में शामिल हो गए।

अजीत पवार के इस कदम ने शरद पवार द्वारा स्थापित की गई पार्टी को दो गुटों में आने पर मजबूर कर दिया और 2024 लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र के सियासी समीकरण को भी हिला दिया। बता दें कि अजीत पवार को प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल और दिलीप वाल्से पाटिल सहित अन्य एनसीपी नेताओं का सहयोग मिला।

इसके बाद, एक तरफ अजित पवार ने अपने पास अधिक समर्थन का हवाला देते हुए "असली एनसीपी" होने का दावा किया। वहीं, दूसरी तरफ शरद पवार ने 'पार्टी विरोधी गतिविधियों' के लिए कई नेताओं को निष्कासित करके खुद को पार्टी का बॉस होने का दावा भी किया है। 

अजीत पवार का यह कदम उसी तरह था जैसे एकनाथ शिंदे ने पिछले साल अविभाजित शिवसेना को तोड़ दिया था और भाजपा से हाथ मिला लिया था। इस तरह से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार को सत्ता से बाहर कर वह खुद राज्य के मुख्यमंत्री बन गए। 

बहरहाल कुछ समय पहले, पीएम मोदी को जब पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार" दिया गया तो इस मौके पर शरद पवार भी पहुंचे थे। उन्होंने पीएम मोदी के साथ मंच साझा किया, जिसपर शिव सेना (यूबीटी) का कहना था कि वह इस कार्यक्रम से मुंह मोड़कर उन लोगों के बीच अपने बारे में संदेह को दूर कर सकते थे, जिन्होंने उनके बारे में एक नकारात्मक दृष्टिकोण रखा है।

शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के मुखपत्र 'सामना' के एक संपादकीय में दावा किया गया कि पीएम मोदी ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और फिर पार्टी में विभाजन कराया और महाराष्ट्र की राजनीति को गंदा कर दिया। 

मराठी दैनिक ने कहा, "फिर भी शरद पवार मोदी का स्वागत करेंगे। ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आई है। यह पवार के लिए कार्यक्रम से मुंह मोड़ने और लोगों के बीच उनके बारे में संदेह दूर करने का अच्छा मौका था।"

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