शारदा चिट फंड मामले में कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। उन्होंने आरोप लगाया है कि सीबीआई कथित तौर पर भाजपा नेता मुकुल रॉय और कैलाश विजयवर्गीय के इशारे पर काम कर रही है।इससे पहले राजीव कुमार ही इस चिटफंड घोटाले की जांच करने वाले विशेष जांच दल (एसआईटी) के मुखिया थे।
मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार से हुई पूछताछ के बारे में दाखिल स्टेट्स रिपोर्ट पर कहा था कि इसमें कई गंभीर बातें हैं। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल करके घोटाले की जांच कर रहे पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार पर साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने और कोर्ट की अवमानना का आरोप लगाया था।
पुलिस ने बना लिया था बंधक
मामला उस समय खासा गरमाया था जब 3 फरवरी को सीबीआई अफसर कोलकाता के तत्कालीन पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के घर गए और उन्हें राज्य पुलिस ने बंधक बना लिया। इसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सीबीआई की इस कार्रवाई के खिलाफ धरने पर बैठ गई थीं और उनके साथ राजीव कुमार भी धरने में शामिल थे। घटना के अगले ही दिन आनन फानन में सीबीआई सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी और उसने अफसरों पर कोर्ट के आदेश की अवमानना का आरोप लगाया था।
क्या है शारदा चिटफंड घोटाला
कथित तौर पर करीब तीन हजार करोड़ रुपये का पश्चिम बंगाल का बहुचर्चित चिटफंड घोटाला 2013 में सामने आया था। आरोप है कि शारदा ग्रुप की कंपनियों ने गलत तरीके से निवेशकों के पैसे जुटाए और उन्हें वापस नहीं किया। इस घोटाले को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर सवाल उठे थे।