सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को गोवा की 88 खदानों के लाइसेंस रद्द कर दिए तथा खदानों के आवंटन के लिए केंद्र सरकार को नए सिरे से प्रक्रिया शुरु करने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल खदानों को 16 मार्च तक काम करने की मंजूरी दी गई है।
Supreme Court sets aside the mining lease renewals to Goa miners, says, mining activity will be allowed only till March 16.
— ANI (@ANI) February 7, 2018
गोवा सरकार ने 2015 में कंपनियों को बीस साल के लिए खदान के लाइसेंस दिए थे। यह लाइसेंस पिछली तिथि से प्रभावी थे। कोर्ट ने नियमों का उल्लंघन कर की गई माइनिंग की एसआईटी जांच में तेजी लाने और रिकवरी किए जाने के भी आदेश दिए हैं।
मालूम हो कि इस मामले में गोवा फाउंडेशन ने याचिका दायर की थी। आरोप है कि गोवा की तत्कालीन सरकार ने 88 खदानों की लीज गलत तरीके से कुछ लोगों के लाभ के लिए आवंटित कर दी थी। गोवा की अर्थव्यवस्था में लौह अयस्क का खनन एक अभिन्न हिस्सा है। इससे पूर्व अक्तूबर 2012 में कोर्ट ने जस्टिस एम बी शाह आयोग की रिपोर्ट के बाद सभी लौह अयस्क के खनन और लाने ले जाने पर पाबंदी लगा दी थी जिसमें बताया गया था कि कई दर्जन कंपनियां अवैध रूप से अरबों टन लौह अयस्क का खनन कर रही हैं।