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सुप्रीम कोर्ट ने महिला पहलवानों की याचिका पर सुनवाई बंद की, जानें क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को तीन महिला पहलवानों की याचिका पर कार्यवाही बंद कर दी जिन्होंने भारतीय...
सुप्रीम कोर्ट ने महिला पहलवानों की याचिका पर सुनवाई बंद की, जानें क्या कहा

सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को तीन महिला पहलवानों की याचिका पर कार्यवाही बंद कर दी जिन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाये हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले इस बात का संज्ञान लिया कि मामले में प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है और सात शिकायतकर्ताओं को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की गयी है।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने पहलवानों के वकील की इस मौखिक याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया कि इस मामले में चल रही जांच पर किसी उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त या सेवारत न्यायाधीश निगरानी रखें।

पीठ में न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला भी शामिल रहे। पीठ ने कहा, ‘‘आप यहां प्राथमिकी दर्ज कराने और शिकायतकर्ताओं की सुरक्षा की विशेष प्रार्थना लेकर आये थे। आपकी दोनों प्रार्थनाओं को मान लिया गया है। अगर आपको अन्य कोई शिकायत है तो आप उच्च न्यायालय या संबंधित मजिस्ट्रेट के पास जा सकते हैं।’’

पीठ ने कहा कि वह फिलहाल कार्यवाही बंद कर रही है। उसने याचिकाकर्ता को आगे और राहत के लिए उच्च न्यायालय या संबंधित मजिस्ट्रेट के पास जाने की स्वतंत्रता दी।

दिल्ली पुलिस की ओर से पक्ष रख रहे सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने शुरुआत में पीठ को बताया कि शीर्ष अदालत के 28 अप्रैल के आदेश के अनुसार शिकायती पहलवानों को खतरा होने की धारणा का आकलन पुलिस ने किया है।

उन्होंने पीठ से कहा कि नाबालिग शिकायतकर्ता और छह अन्य महिला पहलवानों के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किये गये हैं। मेहता ने कहा कि नाबालिग शिकायतकर्ता समेत चार पहलवानों के बयान दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 161 के तहत दर्ज किये गये हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में पदक जीतने वाले अनेक पहलवान यहां जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों में जांच पर एक समिति के निष्कर्षों को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं।

पहलवानों ने कहा है कि जब तक सिंह को गिरफ्तार नहीं किया जाता, वे प्रदर्शन स्थल छोड़कर नहीं जाएंगे।

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