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CBSE पेपर लीक मामले को लेकर दायर सभी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज

पेपर लीक मामले के बाद से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इसी बीच...
CBSE पेपर लीक मामले को लेकर दायर सभी याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज

पेपर लीक मामले के बाद से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। इसी बीच बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई पेपर लीक मामले पर दायर सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं। साथ ही, कोर्ट ने सीबीआई जांच का निर्देश देने से भी इंकार कर दिया है।

पेपर लीक मामले को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है। नाराज छात्रों का कहना है कि वो दोबारा परीक्षा नहीं देना चाहते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सभी परीक्षा केंद्रों पर पेपर तीन वर्जन्स में नहीं बल्कि केवल एक प्रश्नपत्र ही भेजे गए थे, जिसकी वहज से पेपर लीक करना आसान हो गया।

गौरतलब है कि दिल्ली हाई कोर्ट में पीआईएल दायर करके मांग की गई थी कि सीबीएसई पेपर लीक मामले की कोर्ट की निगरानी में जांच होनी चाहिए, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई बोर्ड की दोबारा परीक्षा कराए जाने को लेकर दायर याचिका पर 4 अप्रैल को सुनवाई करने का फैसला दिया था।

पेपर लीक के मामले की CBI जांच

CBSE के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीन पिटीशंस फाइल की गई थी, जिस पर सुनवाई करने के लिए कोर्ट तैयार हो गया था। इन तीनों पिटीशंस पर एक साथ सुनवाई के लिए कोर्ट ने 4 अप्रैल की तारीख तय की। इन पिटीशंस में CBSE के इस फैसले को गलत बताते हुए पेपर लीक के मामले की जांच CBI से कराए जाने की भी मांग की थी।

सुप्रीम कोर्ट में तीन पिटीशंस फाइल

- CBSE पेपर लीक होने के बाद री-एग्जाम कराए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तीन पिटीशंस फाइल की गई थी। पहली पिटीशंस दीपक कंसल की तरफ से दाखिल की गई, जिसमें उन्होंने मांग की कि दोबारा एग्जाम कराए जाने की बजाय पुराने एग्जाम के आधार पर ही रिजल्ट डिक्लेयर किया जाए और पेपर लीक की जांच CBI से कराई जाए। इसके साथ ही उन्होंने ये भी मांग की कि इस पूरे मामले की जांच ठीक तरीके से करने के लिए एक हाईलेवल कमेटी का गठन किया जाए।

- दूसरी पिटीशन केरल के कोचीन शहर में 10वीं के स्टूडेंट रोहन मैथ्यू ने दायर की थी। रोहन ने अपनी पिटीशन में सुप्रीम कोर्ट से CBSE के फैसले को रद्द करने की मांग करते हुए पहले हो चुके एग्जाम के आधार पर ही रिजल्ट घोषित करने की मांग की। रोहन ने अपनी पिटीशन में कहा कि दोबारा एग्जाम होना स्टूडेंट्स के साथ ज्यादती है।

- तीसरी पिटीशन एडवोकेट अलख आलोक श्रीवास्तव की तरफ से फाइल की गई, जिसमें उन्होंने भी CBI से जांच की मांग की। साथ ही ये भी कहा कि 10वीं और 12वीं के हर स्टूडेंट्स को 1-1 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।

हाई कोर्ट में भी दो पिटीशंस

- पहली पिटीशन ऑल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन की तरफ से फाइल की गई, जिसमें पेपर लीक की जांच कोर्ट की निगरानी में कराए जाने की मांग की गई थी।

- दूसरी पिटीशन सोशल ज्यूरिस्ट नाम के NGO की तरफ से दाखिल की गई है, जिसमें मांग की गई कि 10वीं मैथ्स का पेपर जुलाई की बजाय अप्रैल में ही कराए जाने की मांग की गई थी।  

छात्रों के निशाने पर बोर्ड

गौरतलब है कि सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा का गणित और अर्थशास्त्र का पेपर लीक हो जाने के बाद लगातार बोर्ड छात्रों के निशाने पर है। तमाम छात्र बोर्ड को इस मामले में जमकर घेर रहे हैं। इस मामले में दिल्ली क्राइम ब्रांच ने तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिसमे से 2 प्राइवेट स्कूल के टीचर हैं, जबकि एक कोचिंग संचालक है।

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