तहलका मैगजीन के पूर्व एडिटर इन चीफ तरुण तेजपाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तेजपाल की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट के आदेश पर अब तेजपाल के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मुकदमा चलेगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने गोवा की निचली अदालत को कहा कि 6 महीने में ट्रॉयल पूरा करें।
तरुण तेजपाल पर एक महिला सहकर्मी से रेप और यौन उत्पीड़न का आरोप है। 2017 में गोवा की निचली अदालत ने तेजपाल पर रेप और यौन उत्पीड़न सहित अन्य धाराओं के तहत आरोप तय किए थे, जिसे तेजपाल ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
तेजपाल के खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए
सुनवाई के दौरान गोवा पुलिस ने दावा किया था कि उस समय के व्हाट्सअप संदेश और ई-मेल यह दर्शाते हैं कि यौन उत्पीड़न के मामले में तेजपाल को मुकदमे का सामना करना चाहिए। अपने खिलाफ तय आरोपों को खारिज करने से जुड़ी तेजपाल की याचिका का विरोध करते हुए पुलिस ने कोर्ट में पर्याप्त साक्ष्य होने की दलील देते हुए कहा था कि तथ्य दर्शाते हैं कि तेजपाल के खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए।
जानें क्या है मामला
बता दें कि स्टिंग ऑपरेशन से चर्चा में आई तहलका मैगजीन के संस्थापक संपादक तरुण तेजपाल पर तहलका में ही कार्यरत एक युवती ने 2013 में रेप का आरोप लगाया था। युवती ने आरोप लगाया था कि तेजपाल ने गोवा के एक पांच सितारा होटल की लिफ्ट में दो बार उसके साथ ज्यादती की। आरोपों के अनुसार यह घटना तब हुई थी, जब गोवा में तहलका का थिंक फेस्ट चल रहा था।
खुद पर लगाए गए सभी आरोपों को किया था खारिज
आरोपों से घिरे तेजपाल ने तब खुद पर लगाए गए सभी आरोपों को खारिज कर दिया था। तेजपाल ने अदालत में अग्रिम जमानत याचिका भी दायर की लेकिन राहत नहीं मिली थी। तेजपाल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद क्राइम ब्रांच ने 30 नवंबर 2013 को गिरफ्तार कर लिया था।
तेजपाल ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
तेजपाल मई 2014 से जमानत पर हैं। तेजपाल ने मामले की सुनवाई कर रही गोवा की अदालत की ओर से आरोप तय किए जाने के बाद बंबई उच्च न्यायालय का रुख किया था। तेजपाल ने 20 दिसंबर 2017 को आरोप खारिज करने की अपील करते हुए बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसे उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था। इसके बाद तेजपाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।