सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एडजेस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) मामले में फैसला सुनाते हुए टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी राहत प्रदान की। सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर का बकाया चुकाने के लिए 10 साल का समय दिया है। कोर्ट के इस फैसले से वोडाफोन आइडिया और एयरटेल को खास राहत मिली है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार टेलीकॉम कंपनियों को 10 प्रतिशत राशि की पहली किस्त 31 मार्च 2021 तक चुकाना होगी। पीठ ने संबंधित दूरसंचार के प्रबंध निदेशक (एमडी) या मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) से बकाया राशि के भुगतान के लिए चार सप्ताह के भीतर उपक्रम या व्यक्तिगत गारंटी प्रस्तुत करने के बारे में पूछा।
कोर्ट ने दूरसंचार कंपनियों को आगाह किया और कहा कि एजीआर से संबंधित बकाए की किश्तों का भुगतान करने में विफलता के लिए जुर्माना, ब्याज और न्यायालय की अवमानना होगी। शीर्ष अदालत ने कहा कि इनसॉल्वेंसी की कार्यवाही का सामना कर रहे टेलीकॉम द्वारा स्पेक्ट्रम की बिक्री का मुद्दा नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) द्वारा तय किया जाएगा।
इससे पिछली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने समायोजित सकल राजस्व यानी एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा लिया था है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो तीन पहलुओं पर फैसला सुनाएगा। पहला- केंद्र की याचिका जिसमें एजीआर के भुगतान के लिए 15 और 20 साल देने की मांग की गई है, दूसरा क्या स्पेक्ट्रम (या स्पेक्ट्रम का उपयोग करने का अधिकार) आईबीसी के तहत हस्तांतरित, सौंपा या बेचा जा सकता है, तीसरा क्या आरकॉम का स्पैक्ट्रम इस्तेमाल करने पर जियो और वीडियोकॉन और एयरसेल का स्पैक्ट्रम इस्तेमाल करने पर एयरटेल उनकी देयता के आधार पर अतिरिक्त देयता के तहत आएंगे?