रोडरेज मामले में सुप्रीम कोर्ट से नवजोत सिंह सिद्धू को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने पुराना आदेश बदलकर उन्हें 1 साल कैद की सजा सुनाई है। यह मामला साल 1988 का है, जिसमें पिटाई के बाद एक बुजुर्ग की मौत हो गई थी। पहले सिद्धू को 1000 रुपये जुर्माने की सजा मिली थी।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ ने सिद्धू को दी गई सजा के मुद्दे पर पीड़ित परिवार द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका को स्वीकार कर लिया।
हालांकि शीर्ष अदालत ने मई 2018 में सिद्धू को मामले में 65 वर्षीय व्यक्ति को "जानबूझकर चोट पहुंचाने" के अपराध का दोषी ठहराया था, लेकिन 1,000 रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था।
इससे पहले सिद्धू ने सुप्रीम कोर्ट से अपने खिलाफ रोडरेज मामले में दायर पुनर्विचार याचिका खारिज करने का अनुरोध किया था। सिद्धू ने पुनर्विचार याचिका के जवाब में कहा कि यह घटना 33 साल पहले की है और याचिका विचारणीय नहीं है। सिद्धू ने अपनी स्वच्छ प्रतिष्ठा का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से मामले में उनकी सजा में बदलाव नहीं करने का आग्रह भी किया था।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में सिद्धू को मात्र एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद पीड़ित पक्ष ने इस पर पुनर्विचार याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के उस आदेश को 15 मई 2018 को दरकिनार कर दिया था जिसमें रोडरेज के मामले में सिद्धू को गैरइरादतन हत्या का दोषी ठहराते हुए तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक 65 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक को जानबूझकर चोट पहुंचाने का दोषी माना था लेकिन उन्हें जेल की सजा नहीं दी थी और 1000 रुपये का जुर्माना लगाया था। भारतीय दंड संहिता की धारा 323 के तहत इस अपराध के लिए अधिकतम एक साल जेल की सजा या 1000 रुपये जुर्माने या दोनों का प्रावधान है।