सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अवमानना का नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने अवमानना याचिका को खत्म करने के राहुल गांधी के अनुरोध को ठुकराते हुए कहा कि वह उनके जवाब से संतुष्ट नहीं है। कोर्ट अब इस मामले पर 30 अप्रैल को सुनवाई करेगा। वहीं, मामले में राहुल गांधी को कोर्ट की पेशी से छूट दी गई है।
राहुल गांधी ने राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा था कि 'अब सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया है कि चौकीदार चोर है।' उनके इस बयान के खिलाफ मीनाक्षी लेखी ने सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘अवमानना याचिका पर राहुल गांधी की ओर से दलीलें सुनने के बाद उन्हें नोटिस जारी करना उचित समझते हैं।’ कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले की सुनवाई भी राफेल पर पिछले साल 14 दिसंबर के फैसले पर पुनर्विचार के लिए दायर याचिका के साथ ही की जाएगी।
यह कोई माफीनामा नहीं
इससे पहले राहुल गांधी की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि राहुल गांधी ने खेद जताया है, लेकिन जानबूझकर कर ये मामला उठाया जा रहा है क्योंकि अभी लोकसभा के चुनाव हो रहे हैं। वहीं, मीनाक्षी लेखी की ओर से पेश मुकुल रोहतगी ने कहा राहुल गांधी ने मान लिया है कि उन्होंने गलत बयान दिया है और कोर्ट ने कभी नहीं कहा कि चौकीदार चौर है। मुकुल रोहतगी ने कहा कि राहुल गांधी ने अपने बयान पर खेद जताया है। राहुल गांधी ने माना है कि उन्होंने गलती की है लेकिन खेद ब्रेकिट में लिखा है। यह कोई माफीनामा नहीं है।
दाखिल किया था स्पष्टीकरण
सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में अपना स्पष्टीकरण दाखिल किया था। इसमें 'चौकीदार चोर है' वाले अपने बयान पर राहुल गांधी ने खेद जताया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने माना है कि सुप्रीम कोर्ट ने नहीं कहा था कि चौकीदार चोर है। राहुल गांधी ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा है कि चुनाव प्रचार के दौरान जोश में उनके मुंह से यह बयान निकल गया।