सुप्रीम कोर्ट ने तूतीकोरिन में स्टरलाइट के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस के क्रूरतापूर्ण रवैया को लेकर तुरंत सुनवाई से इंकार कर दिया है। कोर्ट अब यह मामला गर्मियों की छुट्टियों के बाद सुनेगा।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर तूतीकोरिन के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और अन्य पुलिस वालों पर प्राथमिकी दर्ज कर सीबीआई जांच की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि ये सीधे-सीधे हत्या का मामला है।
यह है तूतीकोरिन मामला
तूतिकोरिन बेदांता कंपनी से जुड़ा मामला है। इस कंपनी का तूतीकोरिन में तांबा (कॉपर) निकालने का काम होता है। कारखाने में कॉपर निकालने के लिए जमीन की खुदाई की जाती है जिसके बाद मिट्टी से तांबे को निकालकर और फिर उसे पिघलाकर धातु का अलग-अलग रूप दिया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें भारी नुकसान हो रहा है और कंपनी के प्लांट की वजह से पानी और आबो-हवा खराब हो गई है। कॉपर के इस कारखाने को बंद करने के लिए लोगों ने कई दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया और इस दौरान कई लोगों की जान भी गई। पुलिस ने विरोध प्रदर्शन के दौरान जिस तरह गोलियां चलाई उसे जालियाबांग की पुनरावृत्ति बताया जा रहा है।