सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए नामांकन की तिथि आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया है। स्वतंत्र एवं निष्पक्ष पंचायत चुनाव कराने की मांग पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई की ओर से दायर याचिका पर शीर्ष कोर्ट ने आज कहा कि वह चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
जस्टिट आरके अग्रवाल और जस्टिस एएम सप्रे की पीठ ने कहा कि हम चुनाव प्रकिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकते पर, उम्मीदवारों को इस बात की स्वतंत्रता देते हैं कि वे अपनी शिकायतों के लिए निर्वाचन आयोग के पास शिकायत दर्ज करा सकें।
भाजपा ने छह मार्च को दाखिल याचिका में कहा था कि राज्य में लोकतंत्र की हत्या हो रही है और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस बड़े पैमाने पर चुनावी हिंसा कर रही है और उम्मीदवारों को पंचायत चुनावों के लिए नामांकन करने से रोक रही है। यह भी आरोप लगाया गया था कि पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त सहायक पंचायत चुनाव निबंधन अधिकारी भाजपा उम्मीदवारों को नामांकन पत्र देने से इनकार कर रहे हैं।
भाजपा पश्चिम बंगाल इकाई ने मांग की थी कि नामांकन पत्र ऑनलाइन उपलब्ध कराए जाएं, नामांकन करने की आखिरी तारीख बढ़ाई जाए और मई के पहले सप्ताह में होने वाले चुनाव के लिए पैरा मिलिट्री बल तैनात किए जाएं।
राज्य में एक, तीन और पांच मई को पंचायत चुनाव होने वाले हैं। वोटों की गिनती आठ मई को होगी। अधिसूचना के अनुसार नामांकन भरने की आखिरी तारीख नौ अप्रैल है और नामांकन पत्रों की जांच 11 अप्रैल तक की जाएगी।