कोरोना महामारी के दौरान देश भर में ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को नेशनल टास्क फोर्स का गठन किया है। इस टास्क फोर्स में 12 सदस्य होंगे। ये टास्क फोर्स राज्यों में ऑक्सीजन और जरुरी दवाओं के वितरण को देखेगी। इस टास्क फोर्स में 10 प्रसिद्ध डॉक्टर होंगे।
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह फैसला किया। इस टास्क फोर्स में केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिव कन्वीनर की भूमिका निभाएंगे। कैबिनेट सचिव या उनकी तरफ से मनोनीत अधिकारी संयोजक और स्वास्थ्य सचिव भी सदस्य होंगे। ये टास्क फोर्स देश में ऑक्सीजन के आवंटन, जरूरी दवाओं की उपलब्धता और कोविड से निपटने की भविष्य की तैयारियों पर सुझाव देगी।
टास्क फोर्स में वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज कोलकाता के पूर्व वीसी डॉ. भबतोष बिश्वास, सर गंगाराम अस्पताल दिल्ली के चेयरमैन डॉ. देवेंदर सिंह राणा, नारायणा हेल्थ केयर बेंगलुरू के चेयरपर्सन और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डॉ. देवी प्रसाद शेट्टी, क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज वेल्लोर की प्रोफेसर डॉ. गगनदीप कांग, तमिलनाडु में क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के ही डायरेक्टर डॉ. जेवी पीटर शामिल हैं।
इनके अलावा मेदांता हॉस्पिटल के चेयरपर्सन और एमडी डॉ. नरेश त्रेहन, फोर्टिस अस्पताल में क्रिटिकल केयर मेडिसीन के डायरेक्टर डॉ. राहुल पंडित, सर गंगाराम अस्पताल की डिपार्टमेंट ऑफ सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और लिवर ट्रांसप्लांट की डायरेक्टर डॉ. सौमित्र रावत, आईएलबीएस के सीनियर प्रोफेसर डॉ. शिव कुमार सरीन और हिंदुजा हॉस्पिटल के डॉ. जरीर एफ उडवाडिया भी हैं।
इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि भारत एक ऑक्सीजन सरप्लस वाला देश है। देश की क्षमता 7 हजार मीट्रिक टन की है लेकिन अभी 10 हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। बता दें देश के ज्यादातर राज्यों को ऑक्सीजन और जरुरी दवाओं की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट भी लगातार इस पर नजर बनाए हुए है।