सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 'द वायर' के वकील को सुझाव दिया है कि वह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह से उस रिपोर्ट पर कोर्ट के बाहर समझौता कर ले, जिसमें कहा गया था कि 2014 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद उनकी आमदनी में बेतहाशा बढ़ोतरी हो गई थी।
हालाकि जय शाह के वकील ने कहा कि 'द गोल्डन टच ऑफ जय अमित शाह' के शीर्षक से प्रकाशित लेख पर किए गए मानहानि वाले मामले पर उनका मुवक्किल समझौते को तैयार है लेकिन 'द वायर' ने कहा कि ये स्टोरी जनहित में की गई है तो समझौते का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।
'द वायर' वेबसाइट ने आठ अक्टूबर, 2017 को प्रकाशित लेख में दावा किया था कि भाजपा के सत्ता में आने के एक साल बाद जय शाह की कंपनी का कारोबार 16 हजार गुना बढ़ गया था। 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमत्री बनने और पिता के भाजपा अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद उनके कारोबार में खासी बढ़ोतरी हो गई थी।
इस लेख के बाद जय शाह ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष लेखक रोहिणी सिंह, वेबसाइट के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन, सिद्धार्थ भाटिया और एम के वेणु, प्रबंध संपादयक मोनोबिना गुप्ता, पब्लिक संपादक पामेला फिलीपोज के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस फाइल किया। इसमें शाह ने दावा किया कि लेख प्रकाशित होने से उनकी छवि खराब हुई है और सम्मान को ठेस पहुंची है। लेख में अपमानजनक चीजें प्रकाशित की गई है। लेखक रोहिणी सिंह ने गुजरात हाईकोर्ट में इस केस को रद्द करने की गुहार लगाई लेकिन उन्हें कोई राहत नहीं मिली तो मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट को मामले की सुनवाई तक कोई कार्यवाही करने से रोक लगा दी।