सीलिंग के विरोध में दिल्ली में कारोबारियों ने दूसरे दिन भी पूरी तरह बंद रखा। कारोबारियों का कहना है कि एलजी के साथ डीडीए की बैठक में पास किए गए प्रस्तावों से कोई राहत मिलने वाली नहीं है। कारोबोरियों ने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री को 12 सूत्रीय मांग पत्र भी भेजा है।
बंद का शुक्रवार को पहला दिन था। हालांकि पहले दिन दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल के साथ डीडीए की बैठक में तीन प्रस्ताव पास किए गए थे जिसमें सीलिंग से बड़ी राहत देने का दावा किया गया लेकिन कारोबारियों ने इसे आई वाश बताते हुए दूसरे दिन भी हड़ताल जारी रखी। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स एसोसिएशन के महामंत्री प्रवीऩ खंडेलवाल ने बताया कि जो प्रस्ताव पारित किए गए हैं, वह बेमानी हैं और इनसे सीलिंग से कोई राहत नहीं मिलने वाली है। प्रस्ताव में तमाम शर्तें जोड़ दी गई हैं। मसलन एफएआर के साथ पार्किंग जरूरी होगी तो बेसमेंट के लिए फायर की एनओसी लेनी होगी। कन्वर्जन शुल्क का कोई जिक्र नहीं है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी को 12 सूत्री मांग पत्र भेजा गया है। सरकार को कुछ दिन का समय देकर फिर से आंदोलन की रणनीति पर विचार किया जाएगा।
दूसरे दिन भी सात लाख से ज्यादा प्रतिष्ठानों के बंद रखने का दावा किया गया है। इसमें कनॉट प्लेस, चांदनी चौक, करोलबाग, कमला नगर, खान मार्केट, गांधीनगर, कृष्णा नगर, लाजपत नगर, डिफेंस कॉलोनी, साउथ एक्स, ग्रेटर कैलाश, रजौरी गार्डेन, तिलक नगर, राजेंद्र नगर के बाजार पूरी तरह बंद रहे।