सीडी कांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ चल रही ट्रायल पर रोक लगा दी है। सीबीआई ने याचिका दायर करते हुए केस को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की है। सीबीआई की अर्जी पर कोर्ट ने सीएम भूपेश बघेल और उनके सलाहकार को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है।
‘छत्तीसगढ़ से बाहर क्यों नहीं स्थांतरित किया जाना चाहिए केस’
सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल पर रोक लगाने का आदेश दिया है तो इसके साथ ये भी कहा कि सीएम भूपेश बघेल और उनके सलाहकार यह बताएं कि उनके केस की सुनवाई को छत्तीसगढ़ से बाहर क्यों नहीं स्थांतरित किया जाना चाहिए।
इस संबंध में जांच कर रही सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के सामने अपने पक्ष को रखते हुए कहा कि इस मामले में गवाहों को धमकाने के साथ झूठे केसों में फंसाने की धमकी दी जा रही है। सीडी कांड में रिंकू खनूजा की खुदकुशी के बाद सीबीआई ने अप्रत्याक्ष रूप से जांच में तेजी नहीं दिखाई। सीबीआई ने याचिका में कैलाश मुरारका और चार अन्य को पक्षकार बनाया।
2017 में वायरल हुआ था वीडियो
साल 2017 में अक्टूबर के महीने में कथित सेक्स टेप वायरल हुआ था जिसमें तत्कालीन बीजेपी सरकार के एक मंत्री का नाम सामने आया था। इस केस में एक की गिरफ्तारी भी हुई थी। उस समय बीजेपी सरकार ने कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि राजनीतिक षड़यंत्र के तहत बीजेपी को बदनाम करने की कोशिश की गई। सीडी कांड में आरोपी विनोद वर्मा के साथ ही भूपेश बघेल के खिलाफ रायपुर में एफआईआर दर्ज कराई गई थी।
जमानत लेने से बघेल ने कर दिया था इनकार
कथित सेक्स सीडी मामले में भूपेश बघेल को अलग-अलग धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया था। उनके खिलाफ 120बी, 469, 471 आईटी एक्ट 67 ए के तहत मामला दर्ज किया गया। इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था, हालांकि भूपेश बघेल ने जमानत लेने से इनकार कर दिया था।