मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में बिहार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा ने सोमवार को बेगूसराय के मंझौल कोर्ट में सरेंडर कर दिया। आर्म्स एक्ट केस में नाम आने के बाद से वह लगातार फरार चल रहे थे। उसके खिलाफ कोर्ट ने 14 सितंबर को गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
चंद्रशेखर वर्मा का नाम शेल्टर होम केस में आने के बाद बिहार की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफा देना पड़ा था। बेगूसराय के एसपी ने चंद्रशेखर वर्मा की गिरफ्तारी का आदेश जारी किया था। ये गिरफ्तारी उनके घर से मिले अवैध कारतूसों के मामले में होनी थी। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में बच्चियों से रेप का मामला सामने आने के बाद चंद्रशेखर वर्मा की नजदीकी सामने आई थी।
छापेमारी में मिले थे कारतूस
सीबीआई की टीम ने जब 17 अगस्त को चंद्रशेखर वर्मा के गांव बेगूसराय के श्रीपुर गांव में छापेमारी की थी तो उनके घर से 50 कारतूस मिले थे और सारे कारतूस अवैध थे। इस मामले में चेरिया बरियारपुर थाने में 19 अगस्त को आर्म्स ऐक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था। 20 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में हुई मुजफ्फरपुर रेप केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को आदेश दिया था कि वो मंजू वर्मा और उनके पति चंद्रशेखर वर्मा से भी पूछताछ करे। गिरफ्तारी से बचने के लिए चंद्रशेखर वर्मा लगातार भूमिगत थे।
टीआईएसएस की रिपोर्ट में हुआ था खुलासा
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस (टीआईएसएस) की राज्य समाज कल्याण विभाग को भेजी गई रिपोर्ट में इस मामले का खुलासा हुआ था। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में 34 लड़कियों से कथित रेप का आरोप है। 42 लड़कियों का मेडिकल किया गया था। इनमें में 34 लड़कियों के यौन शोषण की पुष्टि हुई थी।
11 लोगों के खिलाफ दर्ज की गई थी एफआईआर
31 मई को 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इनमें ब्रजेश ठाकुर का भी नाम था। इसके बाद सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू की। जिस एनजीओ द्वारा शेल्टर होम का संचालन किया जा रहा था उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया गया। लड़कियों को पटना और मधुबनी के शेल्टर होम में भेजा गया। मामले में शेल्टर होम के संचालक ब्रजेश ठाकुर को गिरफ्तार किया जा चुका है।