शिवसेना ने अपने मुखपत्र के जरिए एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखा गया है कि देश में आर्थिक मंदी, बैंक दिवालिया और जनता के जेब के साथ सरकारी खजाना भी खाली है। 'शोले' फिल्म के डायलॉग के बहाने मुखपत्र में लिखा गया है कि इतना सन्नाटा क्यों है भाई? सामना में जीसटी को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा गया है। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भाजपा-शिवसेना गठबंधन के बीच सरकार गठन को लेकर सस्पेंस और उठापटक जारी है। इससे पहले शिवसेना के सामना में मोदी सरकार पर ऐसी टिप्पणी ने दोनों पार्टी के बीच चल रहे मतभेद को उजागर कर दिया है।
दोनों पार्टियों में मतभेद जारी
सत्ता में साझेदारी को लेकर भी दोनों पार्टियों में मतभेद जारी है। शिवसेना अपने ढाई-ढाई साल सीएम वाले फॉर्मूले पर अड़ी है तो भाजपा पूरे पांच साल उसी के पास सीएम पद रखना चाहती है। इन सब के बीच सामना में पीएम मोदी पर निशाना साधने के बाद ऐसा लगता है कि अभी महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर ये बहस और लंबी चलने वाली है।
क्या लिखा गया सामना में
शिवसेना के मुखपत्र सामना में मोदी सरकार पर चौतरफा हमला किया गाया है। इसमें लिखा गया है कि, किसानों और खेतीहर मजदूरों को बोनस का सुख नहीं है, आर्थिक मंदी लगातार बढ़ रही है वहीं, जनता की जेब खाली होने के साथ-साथ सरकारी खजाना भी खाली होता जा रहा है। केंद्र सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने की बात कही थी, लोगों के पास आमदनी का कोई उपाय नहीं हैं। मंदी की वजह से दिवाली पर खरीदारी में 30 से 40 फीसदी की कमी आई है, जीएसटी ने कारोबारियों की कमर तोड़ दी है उससे आर्थिक हालात और भी बदतर होता जा रहा है।
'देश में बेरोजगारी बढ़ी है'
सामना ने आगे लिखा कि कारखाने खतरे में हैं, धंधा चौपट हो चुका है देश में बेरोजगारी बढ़ी है वहीं रिजर्व बैंक हमारे जमा सोने को भी तोड़कर सरकारी खजाना भरना चाहता हैं। दिवाली के मौके पर भी लोगों का धंधा मंदा रहा, विदेशी कंपनियां ऑनलाइन शॉपिंग से अपनी जेब भर रही हैं। महाराष्ट्र की सूनी दिवाली में एक ही सवाल गूंज रहा है, इतना सन्नाटा क्यों है भाई?