पार्टी ने आगाह करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के नेताओं को ये तय करना है कि वे लोगों के बीच समझ पैदा करेंगे या इस मुद्दे को और भड़कायेंगे।
अहमदनगर जिले में एक लड़की के साथ बलात्कार और उसकी हत्या किये जाने के बाद पिछले एक माह से मराठा समाज राज्य के विभिन्न शहरों में मौन जुलूस निकाल रहा है। पीडि़त मराठा समुदाय से ताल्लुक रखती है जबकि इस घटना के आरोपी दलित हैं। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद राकांपा द्वारा भाजपा को बाहर से समर्थन दिये जाने का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए शिवसेना ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को सहयोगी दलों द्वारा उनकी स्थिति को कमजोर किये जाने की कोशिश को लेकर चेताया। पवार को आड़े हाथों लेते हुए शिवसेना ने कहा कि उनकी पार्टी को अपने 15 वर्षों के शासन काल के दौरान मराठा समुदाय के लोगों द्वारा उठाये गये मुद्दों पर निर्णय करना चाहिए था।
पार्टी के मुखपत्र सामना के एक संपादकीय में कहा गया है, महाराष्ट्र में अभी चल रहे मराठा आंदोलन का मुकाबला करने की सामर्थ्य किसी में नहीं है। महाराष्ट्र के नेताओं को यह तय करना है कि जागरूकता लानी है या आग लगानी है।
भाषा