सामान्य तौर पर देखा जाता रहा है कि स्टूडेंट्स डिग्री को बहुत ज्यादा महत्व देते रहते हैं। निश्चित तौर पर डिग्री महत्वपूर्ण होता है। लेकिन आज के कॉरपोरेट वर्ल्ड में जब आप जॉब के लिए जाते हैं तो नियोक्ता आपसे डिग्री के साथ आपके कौशल के बारे में भी जानना चाहते हैं। अकाउंटिंग क्षेत्र में कौशल के विकास के लिए ट्रेनिंग की विशेष आवश्यकता होती है। यदि आप सुनियोजित और सुव्यवस्थित तरीके से अकाउंटिंग स्किल के विकास के लिए ट्रेनिंग प्राप्त कर लेते हैं तो यकीन मानिए आपके अकाउंटिंग सेक्टर में कैरियर को बहुत ऊंची छलांग मिलना मुमकिन है।
चार्टेड अकाउंटेंट हिमांशु कुमार बताते हैं कि अगर कोई अकाउंटिंग प्रोफेशनल सुव्यवस्थित ट्रेनिंग के माध्यम से समर्पित प्रयास द्वारा अपने अकाउंटिंग स्किल को विकसित कर लेता है तो उसके लिए रोजगार और स्वरोजगार के भरपूर अवसर उपलब्ध हो सकते हैं। उनका कहना है कि वर्तमान में सरकार द्वारा कर प्रबंधन पर विशेष फोकस करने के कारण। इनकम टैक्स और जीएसटी रिटर्न फाइलिंग की अनिवार्यता बढ़ती जा रही हैं। जिससे भारी मात्रा में अकाउंटिंग प्रोफेशनल्स की आवश्यकता को महसूस किया जा रहा है। अकाउंटिंग क्षेत्र में एक्सपर्ट प्रोफेशनल्स को तैयार करने के लिए स्तरीय और सुनियोजित ट्रेनिंग की विशेष तौर पर आवश्यकता होती है।
इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए कई शैक्षणिक संस्थान अकाउंटिंग स्किल को बेहतर करने के लिए ट्रेनिंग मॉड्यूल को विकसित कर रहे हैं। इस तरह के ट्रेनिंग पाठ्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं जिसके माध्यम से कैंडिडेट्स को अकाउंटिंग स्किल के बारे में बहुत अच्छी प्रैक्टिकल नॉलेज प्राप्त हो सके। उदाहरण स्वरूप ई लर्निंग प्लेटफार्म टैक्स4वेल्थ ने भी इनकम टैक्स, जीएसटी, कंपनी लॉ और टैली के बारे में कई ट्रेनिंग पाठ्यक्रम को तैयार किया है।
वर्तमान समय में कराधान क्षेत्र के अन्य विशेषज्ञ भी यहीं सलाह दे रहे हैं कि दिन प्रतिदिन कराधान सेक्टर में नियमों और प्रक्रियाओं में बदलाव आते जा रहे हैं। इसलिए एक्सपर्ट अकाउंटिंग प्रोफेशनल की आवश्यकता हर व्यवसाई या उद्यमी को पड़ रही है। इसलिए अवसर के उपलब्ध होने की स्थिति में युवाओं को अपने अकाउंटिंग स्किल को डिवेलप करने पर विशेष ध्यान देना चाहिए । इससे जहां कैरियर संवरेगा वहीं जीवन में समृद्धि भी आएगी।