देश के कई हिस्सों में बढ़ती मॉब लिंचिंग की क्रूरतम घटनाओं ने सबको हैरान कर दिया है। कहीं बच्चा चोरी के नाम पर तो कहीं गोहत्या के शक में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या के कई मामले सामने आ रहे हैं। हाल ही में राजस्थान के अलवर में गोहत्या के संदेह में रकबर की हत्या कर दी गई। इसे लेकर पुलिस पर भी कई गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हमला बोला है। वहीं, इस पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि वह मॉब लिंचिंग पर गिद्ध राजनीति कर रहे हैं।
स्मृति ईरानी ने कहा, 1984 के नफरत के सबसे बुरे रूप, भागलपुर, नेल्ली और ऐसी तमाम घटनाओं के दौरान राहुल गांधी के परिवार का शासन था। यह शर्मनाक है कि वह उसी तरह गिद्ध राजनीति कर रहे हैं। हर घटना में वह चुनावी लाभ के लिए सामाजिक ताने-बाने को नष्ट करने का कोई मौका नहीं चूकते।‘
Rahul Gandhi’s family presided over the worst form of hate in 1984, Bhagalpur & Nellie & many other instances.
It is shameful that he is doing the same through VULTURE POLITICS.
Not a single instance goes by where he doesn't attempt to rupture social bonds for electoral gains. https://t.co/kpX3n1Kcc0
— Smriti Z Irani (@smritiirani) July 23, 2018
वहीं, भाजपा के ट्विटर अकाउंट से भी राहुल गांधी पर निशाना साधा गया। भाजपा की तरफ से कवितानुमा हमला बोला गया। भाजपा ने कहा कि 70 साल प्यार का नाटक, बन्द करो ये झूठ का फाटक।
७० साल प्यार का नाटक
बन्द करो ये झूठ का फाटकगले लगाना आँख मारना
कैसे ये सब कर पाते हो
जब जब देश बदलना चाहे
तब तुम उसको भटकाते होये देश है मेरा फ़िल्म नहीं है
तुमको इसका इल्म नहीं है७० साल प्यार का नाटक
— BJP (@BJP4India) July 23, 2018
बन्द करो ये झूठ का फाटक। https://t.co/SbcZYyvI16
क्या कहा था राहुल ने?
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था, अलवर में पुलिसकर्मी ने मॉब लिंचिंग के पीड़ित रकबर खान को 6 किलोमीटर दूर अस्पताल पहुंचाने में 3 घंटे लगाए। क्यों? उन्होंने चाय पीने के लिए ब्रेक लिया। यह मोदी का क्रूर ‘न्यू इंडिया’ है जहां मानवता को घृणा में बदल दिया गया है और लोगों को कुचलकर मरने के लिए छोड़ दिया गया है।
राजस्थान के अलवर जिले में मॉब लिंचिंग में रकबर खान (अकबर खान) की मौत के मामले में राज्य पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि पुलिस ने रकबर को अस्पताल पहुंचाने में देरी की। जबकी बरामद गायों को पहले गौशाला पहुंचाने को तरजीह दी। यही नहीं, पुलिस ने खुद भी रकबर की पिटाई की। इसके कारण रकबर को अस्पताल पहुंचाने में तीन घंटे की देरी हुई और उसकी मौत हो गई।