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वीवीआईपी हेलीकाॅप्टर घोटाला : एसपी त्यागी को जमानत मिली

अगस्तावेस्टलैंड हेलीकाॅप्टर घोटाले में नौ अगस्त को गिरफ्तार किए गए पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी को सोमवार को यहां की एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने त्यागी को यह राहत दो लाख रूपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि पर दी।
वीवीआईपी हेलीकाॅप्टर घोटाला : एसपी त्यागी को जमानत मिली

यह सशर्त जमानत है जिसमें अदालत ने त्यागी से कहा है कि वह गवाहों को प्रभावित करने और जांच को बाधित करने की कोशिश नहीं करें। दो अन्य आरोपियों- त्यागी के संबंधी संजीव त्यागी और वकील गौतम खेतान की जमानत याचिकाएं अदालत में लंबित हैं। अदालत ने कहा कि दोनों की याचिकाओं पर वह चार जनवरी को फैसला देगी।

जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान एसपी त्यागी की वकील मेनका गुरूस्वामी ने कहा, अगर जांच पूरी होने में वक्त लग रहा है तो एेसे में उनके मुवक्किल को आजादी से वंचित नहीं रखा जा सकता। उन्होंने अदालत में दावा किया कि प्राथमिकी दर्ज हुए चार साल बीत गए लेकिन इस दौरान सीबीआई उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई सबूत सामने नहीं ला पाई।

सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त साॅलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आरोपियों की जमानत याचिकाओं का विरोध करते हुए कहा कि वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और विभिन्न एजेंसियों द्वारा विभिन्न देशों में की जा रही कई कडि़यों की जांच में बाधा डाल सकते हैं।

उन्होंने कहा, हमारे पास सबूत हैं कि अपराध के उद्देश्य से अनाधिकारिक बैठकें की गईं। इस पड़ाव पर आकर उनकी जमानत याचिकाओं को स्वीकार मत कीजिए। जांच पूरी हो जाने दीजिए। उन्होंने तीनों आरोपियों की जमानत याचिकाओं को खारिज करने का अनुरोध किया। अदालत ने पूछा कि क्या सीबीआई के पास एेसी कोई सामग्री है जिससे साबित होता हो कि एसपी त्यागी ने पैसा लिया। इस पर एजेंसी ने अदालत को बताया कि वायुसेना के पूर्व प्रमुख ने कई संपत्तियां खरीदी हैं जिनमें उन्होंने आय के स्रोत का खुलासा नहीं किया है। एजेंसी ने आरोप लगाया कि उन्होंने अपने आधिकारिक पद का दुरूपयोग भी किया।

खेतान के वकील प्रमोद कुमार दुबे ने दावा किया कि एजेंसी मामले को सनसनीखेज बनाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल पर जांच में सहयोग नहीं करने या जांच को प्रभावित करने जैसा कोई आरोप भी नहीं है। संजीव त्यागी के वकील मानव गुप्ता ने भी कहा कि एजेंसी के इस दावे के पीछे कोई कारण नहीं है कि राहत दिए जाने पर उनका मुवक्किल जांच को प्रभावित कर सकता है।

आरोपी इस आधार पर जमानत की मांग कर रहे हैं कि सबूत दस्तावेजों के रूप में हैं जिन्हें सीबीआई पहले ही जब्त कर चुकी है। इसके अलावा उन्होंने जांच एजेंसी को जांच में सहयोग भी किया है। गत 17 दिसंबर को अदालत ने तीनों आरोपियों को 30 दिसंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इस मामले में वायुसेना के पूर्व प्रमुख 71 वषर्ीय त्यागी, उनके संबंधी संजीव और वकील खेतान को नौ दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था।

 यह मामला संप्रग के दूसरे कार्यकाल में ब्रिटेन आधारित कंपनी से 12 वीवीआईपी हेलीकाॅप्टरों की खरीद से जुड़ा है। आरोपियों ने आरोप लगाया कि सीबीआई उन पर जुर्म स्वीकार करने का दबाव बना रही है।

 सीबीआई ने कहा कि यह मामला बेहद गंभीर और हाई प्रोफाइल है और इसमें देशहित को खतरे में डाला गया है इसलिए इसमें पूछताछ की जरूरत है। त्यागी के वकील ने पहले दावा किया था कि अगस्तावेस्टलैंड से वीवीआईपी हेलीकाॅप्टरों का फैसला सामूहिक तौर पर लिया गया था और प्रधानमंत्री कार्यालय भी इसका हिस्सा था। भाषा एजेंसी 

 

 

 

 

 

 

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