टीएमसी सुप्रीमो और सीएम ममता बनर्जी ने पार्थ को पार्टी से जुड़े सभी पदों से भी हटा दिया है। वह तब तक पार्टी से सस्पेंड रहेंगे जब तक जांच चल रही है। मंत्री पद पहले ही छीना जा चुका है।शिक्षक भर्ती घोटाले में पार्थ चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी का नाम आया है। ईडी ने दोनों पहले ही गिरफ्तार कर लिया था।
टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि पार्थ चटर्जी को महासचिव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और तीन अन्य पदों से हटा दिया गया है। जांच जारी रहने तक उन्हें निलंबित कर दिया गया है। दोषी न साबित होने पर वापस आ सकते हैं। पार्थ का किसी भी एफआईआर में नाम नहीं आया है, लेकिन उन्हें सब पदों से हटा दिया है।
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि अगर कोई कुछ गलत करता है तो टीएमसी उसे नहीं बख्शेगी। भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस होगा। जांच एजेंसी को समय सीमा के भीतर जांच पूरी करनी होगी। शारदा मामले में भी कुछ नहीं हुआ, यह सिर्फ लटका हुआ है। समयबद्ध जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वह (अर्पणा मुखर्जी) जिसके घर से रकम बरामद हुई वह टीएमसी से नहीं है।. हम चाहते हैं कि इस मामले से जुड़े लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। टीएमसी एकमात्र पार्टी है जिसने इस मामले में 7 दिनों के भीतर हस्तक्षेप किया।
इससे पहले बंगाल के चीफ सेक्रेटरी की तरफ से आदेश जारी हुआ था। जिसमें बताया गया था कि पार्थ चटर्जी को उद्योग मंत्री के पद से हटाये जाने के साथ-साथ बाकी पदों से भी हटाया गया है। इसमें सूचना एंव प्रसारण विभाग, संसदीय मामलों से जुड़े विभाग आदि से भी उनकी छुट्टी कर दी गई है।
टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि मैं सहमत हूं कि बड़ी रकम वसूल की गई, लेकिन आए दिन बैंक फ्रॉड हो रहे हैं, बीजेपी ने क्या कार्रवाई की? नीरव मोदी भाग गए। क्या बीजेपी ने निर्मला सीतारमण को बर्खास्त किया? अधीर चौधरी के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने क्या कार्रवाई की है? टीएमसी अपनी बात पर चलने वाली पार्टी है। मैं यह बात काल्पनिक रूप से कह रहा हूं कि अगर पार्थ चटर्जी दो महीने बाद बीजेपी में चले गए तो वे संत बन जाएंगे। चूंकि वह टीएमसी में हैं, इसलिए ये सब हो रहा है।