वरिष्ठ पत्रकार नलिनी सिंह ने पुलिस को बताया था कि उन्होंने सुनंदा के साथ चैट की थी जिसमें उन्होंने बताया था कि थरूर और पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार ने कथित तौर पर संदेशों का आदान-प्रदान किया था जिन्हें थरूर के फोन से हटा दिया गया था। 17 जनवरी 2014 की रात को दक्षिण दिल्ली के एक पांच सितारा होटल के एक कमरे में 51 वर्षीय सुनंदा मृत मिली थीं। उनके मृत मिलने से एक दिन पहले थरूर के साथ तरार के प्रेम प्रसंग को लेकर उनकी उसके साथ ट्विटर पर तकरार हुई थी।
सुनंदा की मौत के मामले में थरूर सहित कई व्यक्तियों से पूछताछ की गई थी। पुलिस ने छह व्यक्तियों का पॉलीग्राफ परीक्षण भी कराया था। यह सभी मामले में प्रमुख गवाह हैं जिनमें थरूर का घरेलू सहायक नारायण सिंह, चालक बजरंगी और संजय दीवान, जो दंपति का करीबी दोस्त था।
फरवरी में तरार से कांग्रेस नेता और उनकी पत्नी के साथ उनके संबंधों को लेकर, ट्विटर पर सुनंदा के साथ हुए झगड़े को लेकर और सुनंदा की मौत से संबंधित अन्य मुद्दों को लेकर पूछताछ की गई थी। दिल्ली पुलिस ने जनवरी 2015 में सुनंदा की मौत की बाबत हत्या का मामला दर्ज किया था। नवंबर 2015 में दिल्ली पुलिस को भेजी गई एफबीआई की रिपोर्ट ने पोलोनियम जहर की वजह से हुई मौत की बात को वस्तुत: खारिज किया था।
बहरहाल, जब दिल्ली पुलिस जांच के आधार पर किसी निष्कर्ष पर पहुंचने में विफल रही तो रिपोर्ट को आगे की प्रक्रिया से पहले एक चिकित्सकीय बोर्ड को परीक्षण के लिए दिया गया है। चिकित्सकीय बोर्ड को सुनंदा की मौत पर अभी अपनी रिपोर्ट देनी है। (एजेंसी)