रेप मामले में आसाराम बापू को सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को भी राहत नहीं मिली है। आसाराम फिलहाल जेल में रहेंगे। कोर्ट मामले में अब नौ हफ्ते बाद सुनवाई करेगा। 29 जनवरी को गुजरात की निचली अदालत में पीड़िता के बयान दर्ज होने है। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता के बयान दर्ज होने के बाद ही जमानत याचिका पर सुनवाई की जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एन वी रमन्ना और ए एम सप्रे की पीठ ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि पहले पीड़िता को सुनना जरूरी है। 15 जनवरी को कोर्ट ने गुजरात सरकार को मामले में स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करने के निदेर्श दिए थे। इससे पहले कोर्ट आसाराम को राजस्थान और गुजरात में दर्ज दो रेप मामले में जमानत देने से इंकार कर चुका है। सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे नारायण सांई के खिलाफ रेप और जबरन रोकने के लिए अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई हैं। बड़ी बहन ने शिकायत में कहा है कि जब वह अहमदाबाद में उनके आश्रम में ठहरी थी तब आसाराम ने 2001 और 2006 के बीच उसका लगातार यौन शोषण किया।
पिछले साल 12 अप्रैल को सु्प्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार से कहा था कि आसाराम के खिलाफ ट्रायल को लटकाए न रखे। इस मामले में संभव हो सके तो गवाहों के बयान दर्ज कराएं जाएं क्योंकि आसाराम लंबे वक्त से जेल में है। गुजरात सरकार की ओर से कहा गया था कि मामले में गवाहों को लेकर तेजी से कारवाई चल रही है। तब कोर्ट को बताया गया था कि 92 गवाहों में 22 के बयान हो चुके हैं और 14 ने बयान देने से मना कर दिया है, बाकी के बयान दर्ज होने हैं। पिछले साल 28 अगस्त को कोर्ट ने मामले में धीमी गति को लेकर रोष व्यक्त किया था। मालूम हो कि आसाराम बापू को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 को गिरफ्तार किया था और तब से जेल में बंद है।