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नीतीश कटारा हत्याकांड में विकास यादव को नहीं मिली पेरोल, 25 साल की मिली थी सजा

नीतीश कटारा हत्याकांड में 17 साल से जेल में बंद विकास यादव को सुप्रीम कोर्ट ने पेरोल देने से इनकार कर...
नीतीश कटारा हत्याकांड में विकास यादव को नहीं मिली पेरोल, 25 साल की मिली थी सजा

नीतीश कटारा हत्याकांड में 17 साल से जेल में बंद विकास यादव को सुप्रीम कोर्ट ने पेरोल देने से इनकार कर दिया। विकास यादव ने जेल से चार हफ्ते की छुट्टी के लिए अर्जी लगाई थी। वह सपा के पूर्व सांसद डीपी यादव का बेटा है। इस पर सोमवार को सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि अदालत ने तुम्हें 25 साल की सजा सुनाई गई है, इसे पूरा करो। बिजनेस एक्जीक्यूटिव नीतीश की 2002 में हत्या कर दी गई थी। उसका शव गाजियाबाद के पास मिला था।

हाईकोर्ट ने फैसले को रखा था बरकरार

दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में विकास यादव, उसके चचेरे भाई विशाल यादव को 25-25 साल और सुखदेव पहलवान को 20 साल की की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने 2014 में निचली अदालत के उस फैसले को बरकरार रखा था, जिसमें इस अपराध को झूठी शान की खातिर हत्या बताया गया था। विकास ने हाईकोर्ट के फैसले की संवैधानिक वैधता को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जिसे शीर्ष अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया है।

क्या है मामला

पुलिस के मुताबिक, नीतीश कटारा की हत्या 16 फरवरी 2002 की रात हुई थी। उसका विकास की बहन भारती यादव के साथ अफेयर था। दोनों की जाति अलग-अलग होने से भारती के परिवार के लोग खफा थे। इसके बाद विकास ने नीतीश को खत्म करने की साजिश रची थी। हाईकोर्ट ने विकास और विशाल को अपहरण और हत्या का दोषी माना था।

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