दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने मंगलवार को घोषणा की कि ग्रैप चरण एक को लागू किए जाने के बाद धूल नियंत्रण उपायों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए 99 टीम दिल्ली में निजी और सरकारी निर्माण स्थलों का निरीक्षण करेंगी।
दिल्ली सरकार ने ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ (ग्रैप) के पहले चरण के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए मंगलवार को मुख्यमंत्री आतिशी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई।
बैठक के बाद बातचीत में आतिशी ने प्रदूषण से निपटने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस साल शहर में “स्वच्छ हवा वाले दिनों ” की संख्या में वृद्धि देखी गई है। हालांकि, पिछले दो दिनों में वायु गुणवत्ता “खराब” श्रेणी में आने के बाद, सरकार ने ग्रैप चरण एक के प्रतिबंध लागू कर दिए हैं।
आतिशी ने कहा कि इस चरण के तहत, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (डीपीसीसी), राजस्व और उद्योग विभागों की 33-33 टीम धूल नियंत्रण उपायों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए निजी और सरकारी निर्माण स्थलों का निरीक्षण करेंगी।
ये टीम अपने निष्कर्षों की रिपोर्ट प्रतिदिन ‘ग्रीन वॉर रूम’ को देंगी, जो पूरे शहर में वायु गुणवत्ता नियंत्रण उपायों की निगरानी करता है।
आतिशी ने कहा कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने दिन के समय निर्माण और तोड़फोड़ के मलबे को हटाने और उचित निपटान की निगरानी के लिए 79 टीम और रात के समय के लिए 75 टीम तैनात की हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त, 116 टीम बायोमास को जलाने से रोकने के लिए चौबीसों घंटे काम करेंगी, जो प्रदूषण के स्तर में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
आतिशी ने कहा कि सड़कों पर धूल नियंत्रण एक अन्य प्राथमिकता है, तथा लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को धूल रोकने के लिए शहर भर में गड्ढों की मरम्मत का काम सौंपा गया है।
उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर ‘स्मॉग गन’ तैनात की जाएंगी। उनके मुताबिक, पीडब्ल्यूडी 200, दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) 80, एमसीडी 30 और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) 14 ‘स्मॉक गन’ तैनात करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “एंटी-स्मॉग गन’ सड़क की धूल को दबाने और वायु गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करेंगी।
आतिशी ने कहा कि यातायात पुलिस को भी उन स्थानों की पहचान करने को कहा गया है जहां यातायात जाम रहता है और आवश्यकतानुसार अतिरिक्त कर्मियों को तैनात करने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने कहा कि अगर अतिरिक्त सहायता की जरूरत पड़ेगी तो गाड़ियों की सुचारू आवाजाही के लिए होमगार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि वाहनों से होने वाला उत्सर्जन प्रदूषण में वृद्धि न कर पाए।