इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती देने के लिए रविवार की दोपहर को नई दिल्ली पहुंचे। नई दिल्ली हवाई अड्डा पर पीएम नेतन्याहू का उनके भारतीय समकक्षीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़ गले लगकर स्वागत किया।
उसके बाद पीएम मोदी और नेतन्याहू तीनमूर्ति पहुंचे। वहां पर आर्मी चीफ विपिन रावत और विदेश सचिव एस. जयशंकर ने उन दोनों का स्वागत किया। दोनों देशों के पीएम ने वहां पर विजिटर्स बुक में हस्ताक्षर किए और पुष्पचक्र चढ़ाया।
इस मौके पर पीएम ने विजिटर्स बुक में लिखा- “आज से यह तीन मूर्ति हैफा चौक कहलाएगा। हम इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह है। इजरायल के पीएम नेतन्याहू की उपस्थिति में मैं बहादुर जवानों के श्रद्धांजलि देता हूं। भारत की महान परंपरा और निस्वार्थ बलिदान को सलाम।“
PM Modi's inscription in Visitors book at Teen Murti: It is the 100th anniversary of the end of World War-1. Many golden pages of the sacrifices of Indian braves are written in the history of both World War. #NetanyahuInIndia pic.twitter.com/Zgjw7TADFG
— ANI (@ANI) January 14, 2018
तीन मूर्ति हैफा चौक
ऐतिहासिक तीन मूर्ति चौक के नाम में इजरायली शहर हैफा का नाम भी जोड़ा गया है। सालभर पहले एनडीएमसी ने इस योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। इ्जरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू की निर्धारित भारत यात्रा के बाद यह घोषणा की गयी है।
पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस्राइल यात्रा के दौरान नयी दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने तीन मूर्ति मार्ग और चौक का नाम हैफा के नाम पर रखने का प्रस्ताव रखा।
अप्रैल में एक बैठक में एनडीएमसी के कुछ सदस्यों ने दावा किया कि यह प्रस्ताव पारित हो गया है लेकिन पर परिषद के अध्यक्ष नरेश कुमार ने बाद में घोषणा की थी कि यह मुद्दा टाल दिया गया।
उन्होंने कहा, ‘‘हैफा की लड़ाई के सौंवे साल में भारत और इ्स्राइल के बीच मित्रता के प्रतीक के तौर पर तीन मूर्ति चौक का नाम अब तीन मूर्ति हैफा चौक होगा।’’
द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों ने हैफा को ऑटोमन साम्राज्य के कब्जे से मुक्त कराया था। 15 वीं इंपेरियल सर्विस कैवलरी ब्रिग्रेड के बहुत सारे भारतीय सैनिक इस शहर को आजाद कराने की लड़ाई में शहीद हुए थे और करीब 900 का इस्राइल में अंतिम संस्कार किया गया था।
पिछले कुछ सालों में आरएसएस समेत कई संगठनों ने तीनमूर्ति चौक रोड और चौक का नाम बदलने की मांग की थी।