अभी तक सीमा चौकी पर सामान गंतव्य देश के वाहन में बदलना पड़ता था, जिसमें समय और धन ज्यादा खर्च होता था। सीमा शुल्क विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि कारोबार की लागत कम करने की दिशा में सरकार द्वारा हाल में उठाए गए उपायों की श्रृंखला में यह एक और कड़ी है।
सीमा शुल्क विभाग के मुख्य आयुक्त विवेक जौहरी ने के अनुसार, यह कारोबार सुगमता के लिहाज से एक बड़ा अवसर है। बांग्लादेश से मालवाहक वाहनों के भारत में प्रवेश और हमारे क्षेत्र से उनके देश में वाहनों का जाने से समय और सौदा लागत की बचत में मदद मिलेगी। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों से लगी सीमा पर वस्तुओं को एक वाहन से दूसरे वाहन में लदान व्यापार के मुक्त प्रवाह के रास्ते में एक बड़ी और लंबे समय से बाधा थी। यह बांग्लादेश-भूटान-भारत-नेपाल (बीबीआईएन) मोटर वाहन समझौते से संभव हुआ, जिस पर पिछले साल जून में हस्ताक्षर किए गए थे।
समझौते के तहत वाहनों को एक-दूसरे के क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति होगी और सीमा पर एक देश के वाहन से दूसरे देश के वाहन में सामान लादने की समस्या खत्म होगी। समझौते से पहले, भारतीय ट्रकों को बांग्लादेश में और बांग्लादेश से भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं थी।