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चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने भेजी चांद की नई तस्वीर, इसरो ने की जारी

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) ने चंद्रमा की कुछ और तस्वीरों को जारी किया है जो कि चंद्रयान-2...
चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने भेजी चांद की नई तस्वीर, इसरो ने की जारी

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (इसरो) ने चंद्रमा की कुछ और तस्वीरों को जारी किया है जो कि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर के हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से ली गई हैं। इसरो ने इस बारे में एक ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है। इससे पहले 27 सितंबर को अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कुछ तस्वीरें जारी की थी जिनके आधार पर कहा गया था कि चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की चांद पर हार्ड लैंडिंग हुई थी।

इसरो ने ऑर्बिटर के हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से ली गई जिन तस्वीरों को जारी किया है उनमें चांद की सतह पर गड्ढे और असमान जमीन नजर आ रही है।

नासा ने बताया था कि चंद्रयान के विक्रम लैंडर की हुई थी हार्ड लैंडिंग

27 अक्टूबर को ही नासा ने बताया था कि भारत के चंद्रयान के विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग हुई थी। हालांकि अंतरिक्ष यान के सटीक स्थान का पता नहीं चल पाया है। एलआरओ यानी 'लूनर रिकॉनिसंस ऑर्बिटर कैमरा' 14 अक्टूबर को दोबारा उस समय संबंधित स्थल के ऊपर से उड़ान भरेगा जब वहां रोशनी बेहतर होगी।

नासा के लूनर रिकॉनिसंस ऑर्बिटर (एलआरओ) अंतरिक्षयान ने 17 सितंबर को चंद्रमा के अनछुए दक्षिणी ध्रुव के पास से गुजरने के दौरान वहां की कई तस्वीरें ली, जहां विक्रम ने उतरने का प्रयास किया था।

एनआरसी कर रही है जांच

इससे पहले भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के दूसरे मून मिशन चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की खराब लैंडिंग की जांच एक राष्ट्रीय स्तर की समिति (एनआरसी) कर रही है। पिछले दिनों इसरो चीफ डॉ. के. सिवन ने यह भी साफ किया कि चंद्रयान-2 मिशन की 98 फीसदी सफलता की घोषणा उन्होंने नहीं की थी। यह घोषणा एनआरसी ने ही अपनी शुरुआती जांच के बाद की थी। एनआरसी का मानना है कि शुरुआती आंकड़ों के अनुसार हमारे मिशन में सिर्फ 2 फीसदी की ही कमी थी, 98 फीसदी मिशन सफल रहा है। उसी के आधार पर ही इसरो चीफ डॉ. के. सिवन ने लोगों से यह बात कही थी।

क्या कहा था इसरो चीफ ने

तब इसरो चीफ डॉ. के. सिवन ने कहा था कि एनआरसी की पूरी जांच के बाद हम अपने ऑर्बिटर से मिले सभी डेटा और तस्वीरें आम जनता के लिए जारी करेंगे। रिव्यू कमेटी एनआरसी अब भी चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की खराब लैंडिंग के आंकड़ों और तस्वीरों की जांच का काम कर रही है।

लैंडिंग से पहले लैंडर का टूटा था संपर्क

बता दें कि 22 जुलाई को लॉन्च किए गए चंद्रयान-2 में लैंडर और रोवर को चांद पर उतरना था जबकि ऑर्बिटर के हिस्से में चांद की परिक्रमा कर जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी थी। 7 सितंबर को लैंडर चांद की सतह को छूने से ठीक पहले करीब 2.1 किमी ऊपर इसरो के रेडार से गायब हो गया और अब तक उससे संपर्क स्थापित नहीं हो सका है।

 

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