महावीर जयंती के पावन अवसर पर रिलीज़ होने वाली फ़िल्म 'द लिगेसी ऑफ जिनेश्वर', पिछले कुछ हफ़्तों में हुए निराधार प्रतिरोध को कड़ी टक्कर देकर सिनेमाघरों में 19 अप्रैल को महावीर जयंती के दिन प्रदर्शित की जाएगी। कई लोगों ने इसे सत्य की जीत बताया है। फ़िल्म के निर्माता अभिषेक मालू ने आश्वस्त किया कि ये फ़िल्म जैन परंपरा की अद्भुत और अनकही यशोगाथा को साझा करेगी। फिल्म की टीम ने लोगों से सिनेमाघरों में आने का अनुरोध किया है।
हाल ही में हुए इंटरव्यू के दौरान, अभिषेक मालू ने बताया कि फिल्म को लेकर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा की गई अफवाहें उन्हें परेशान कर रही थीं, लेकिन उन्होंने इसके खिलाफ सख्ती से खड़ा होकर स्पष्ट किया कि फिल्म में किसी भी अभद्र या अनुचित मात्रा में कोई विषय नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी फिल्म पर किसी भी प्रकार का बैन या स्टे नहीं लगाया गया था। जो भी समय सीबीएफसी ने रिव्यू करने में लिया, यह वही प्रतीक्षा थी।
इस फिल्म के माध्यम से, दर्शकों को जैन धर्म के महत्वपूर्ण तत्वों को दर्शाया जाएगा। इस फिल्म में राजा ऋषभ देव से लेकर भगवान महावीर तक का सफर, और खरतरगच्छ की स्थापना जैसे महत्वपूर्ण घटनाक्रमों को एक रोचक कहानी के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
फ़िल्म की टीम ने विरोध-कर्ताओं को एक बार ये फिल्म देखने की सलाह दी और फिर अपना नज़रिया बनाने का आग्रह किया है । उन्होंने यह भी कहा कि उनकी फिल्म के माध्यम से जैन धर्म की महानता को लोगों के समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास है और उम्मीद है कि लोगों में इस धर्म के प्रति अधिक आस्था और ज्ञान का विकास होगा।
निर्माता व निर्देशकों ने अपनी फिल्म को बनाने के लिए किए गए प्रयासों को बताते हुए कहा कि धर्म और समाज को समझने में फिल्मों का एक महत्वपूर्ण योगदान है, जो लोगों की आस्था में वृद्धि और संबंधों में एकता लाता है।
फिल्म के प्रोजेक्ट डायरेक्टर विवेक सुधींद्र कुलश्रेष्ठ हैं, इसका निर्देशन प्रदीप पी. जाधव और विवेक अय्यर ने किया है। फिल्म के लेखक और गीतकार प्रशान्त बेबार हैं, और संगीत विवियन रिचर्ड और विपिन पटवा का है। इस फिल्म में गीतों को पद्मश्री कैलाश खेर, जावेद अली, और दिव्य कुमार जैसे मशहूर गायकों ने आवाज दी है।