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एनपीआर पर शुक्रवार को केंद्र सरकार ने बुलाई बैठक, ममता ने कहा- नहीं लेंगे हिस्सा

शुक्रवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की अध्यक्षता में केंद्रीय गृह मंत्रालय इस साल...
एनपीआर  पर शुक्रवार को केंद्र सरकार ने बुलाई बैठक, ममता ने कहा- नहीं लेंगे हिस्सा

शुक्रवार को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय की अध्यक्षता में केंद्रीय गृह मंत्रालय इस साल होने वाले जनगणना और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) की प्रक्रिया को लेकर बैठक करेगा। जिसमें केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, सभी राज्यों के मुख्य सचिव और जनगणना निदेशक शामिल होंगे। मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि बैठक में होने वाले जनगणना के चरणबद्ध तरीके और एनपीआर के लिए 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक किए जाने वाले तौर-तरीकों पर चर्चा की जाएगी।

बंगाल से कोई प्रतिनिधि नहीं होगा शामिल

वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नए नागरिकता कानून (सीएए), नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) का लगातार विरोध कर रहीं हैं। वो इस बात को पहले ही कह चुकी हैं कि उनका कोई भी प्रतिनिधि होने वाली बैठक में हिसा नहीं लेगा। सीएम ममता के अलावा भी कुछ राज्य सरकारों ने घोषणा की है कि वे एनपीआर प्रक्रिया में भाग नहीं लेंगे।

हर नागरिक का डेटाबेस होगा तैयार

खबरों के मुताबिक एनपीआर का उद्देश्य देश में रहने वाले हर सामान्य निवासी का एक व्यापक पहचान के तौर पर डेटाबेस तैयार करना है। डेटाबेस में जनसांख्यिकीय के साथ-साथ बॉयोमीट्रिक विवरण को शामिल किया जाएगा।

कई राज्यों ने जारी की अधिसूचना

यह प्रक्रिया नागरिकता अधिनियम कानून, 1955 और नागरिकता नियम, 2003 (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करना) के प्रावधानों के तहत स्थानीय, उप-जिला, राज्य, और राष्ट्रीय स्तर पर तैयार किया जा रहा है। वहीं, मंत्रालय के अधिकारियों ने कहना हैं कि अधिकांश राज्यों की तरफ से एनपीआर से संबंधित प्रावधानों की अधिसूचना जारी की जा चुकी है।

नहीं देने होंगे पैन नंबर

अंतिम बार साल 2010 में एनपीआर को कराए गए 2011 की जनगणना के साथ पूरा किया गया था। उसके बाद साल 2015 में डोर-टू-डोर सर्वेक्षण के बाद अपडेट किया गया। बता दें, कि उस समय सरकार ने जानकारी के तौर पर आधार और मोबाइल नंबर मांगे थे, जबकि इस बार ड्राइविंग लाइसेंस और पहचान पत्र को भी शामिल किया गया है। हालांकि, पैन कार्ड को इसमें शामिल नहीं किया गया है। एनपीआर के मुताबिक जो सामान्य नागरिक भारत के किसी भी हिस्से में 6 महीने से रह रहा है या अगले 6 महीने तक रहने की मंशा है उसे इसमें अपनी जानकारी पंजीकृत करवानी होगी।

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