नई दिल्ली: पिछले दो दशकों में सुरक्षा तकनीक में बहुत तेज़ी से वृद्धि हुई है और भारत सरकार के मुताबिक, देश भर में करीब 20 लाख सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इनमें से 80 फ़ीसदी से ज़्यादा सीसीटीवी कैमरे चीनी कंपनियों के हैं। घरेलू प्रतिष्ठानों में इनकी मौजूदगी करीब 80 फीसदी तक है। लेकिन अब भारत में बने सीसीटीवी कैमरे पर अधिक फोकस किया जा रहा है।
दिल्ली में करीब 1.5 लाख कैमरे लगाए गए हैं। दिल्ली में प्रति 1,000 लोगों पर 20 सीसीटीवी कैमरे हैं। दिल्ली में प्रति मील 1826 सीसीटीवी कैमरे लग चुके है। दूसरी तरफ भारत सरकार ने चीनी सीसीटीवी कैमरों पर प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई हुई है। सरकार ने चीनी सीसीटीवी उपकरणों के टेंडर अस्वीकार करना शुरू कर दिया है।
यह जानकारी गुरुवार को प्रगति मैदान में आयोजित विश्वस्तरीय सुरक्षा और अग्निसुरक्षा उद्योगों के लिए प्रमुख आयोजन आईएफएसईसी इंडिया के 17वें संस्करण के उद्घाटन मौके पर इन्फोर्मा मार्केट्स इन इंडिया के एमडी योगेश मुद्रास ने दी। उन्होंने बताया,“एआईओटी टेक्नोलॉजी का इंटीग्रेशन उद्योग जगत में बदलाव ला रहा है, आधुनिक सुरक्षा कैमरे और समाधान शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों की विभिन्न ज़रूरतों को पूरा करते हैं। 2024 में भारत का सीसीटीवी मार्केट 3.98 बिलियन डॉलर का है, जो 20.6 फीसदी की दर से बढ़कर 2029 तक 10.17 बिलियन डॉलर के आंकड़े पर पहुंच जाएगा।
एआई के साथ इनोवेशन के बीच पासवर्ड लीक जैसे साइबर खतरे बड़े : दिल्ली पुलिस
डीसीपी, दिल्ली यातायात पुलिस एसके सिंह ने कहा कि दिल्ली की सड़कों पर 15 हजार के करीब सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। आधुनिक तकनीकों जैसे फेशियल रिकॉग्निशन, एआई-उन्मुख एनोमली डिटेक्शन, प्रेडिक्टिव एनालिसिस ने भौतिक सुरक्षा प्रणाली को पूरी तरह से बदल दिया है। लेकिन साथ ही कई चुनौतियों भी पनपीं हैं। एआई के साथ इनोवेशन के बीच पासवर्ड लीक जैसे सायबर खतरे भी बढ़े हैं।’