उत्तर भारत में मंगलवार को गंगा के मैदानी इलाकों में कोहरे की मोटी चादर छाई रही। घने कोहरे से दृश्यता कम रही जिससे सड़क और रेल यातायात प्रभावित हुआ।
उपग्रह से प्राप्त तस्वीरों में पंजाब से पूर्वोत्तर भारत तक के इलाकों में कोहरे की मोटी चादर फैली हुई दिखाई दी। रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि घने कोहरे के कारण दिल्ली आने वाली 30 ट्रेन अधिकतम छह घंटे की देरी से चल रही हैं।
उत्तर भारत में सुबह साढ़े पांच बजे वाराणसी, आगरा, ग्वालियर, जम्मू, पठानकोट और चंडीगढ़ में दृश्यता का स्तर शून्य मीटर रहा जबकि गया में यह 20 मीटर दर्ज किया गया। प्रयागराज एवं तेजपुर में दृश्यता का स्तर 50 मीटर, अगरतला में 100 मीटर, अमृतसर में 200 मीटर और गोरखपुर में 300 मीटर रहा। दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास पालम वेधशाला में दृश्यता का स्तर केवल 50 मीटर दर्ज किया गया।
देश के उत्तर और पूर्वोत्तर क्षेत्र में बीते 15 दिनों में सुबह के दौरान कोहरे ने सड़क, रेल और हवाई यातायात को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। दिल्ली हवाई अड्डे पर सोमवार को पांच उड़ानों का मार्ग बदला गया जबकि 100 से अधिक उड़ानों में देरी हुई।
नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को कहा था कि सभी हितधारक कोहरे से संबंधित बाधाओं को कम करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं।
हवाई अड्डा संचालक डायल को सीएटी-3 सक्षम चौथे रनवे के परिचालन में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। जब कोई रनवे सीएटी-3 सक्षम होता है, तो कम दृश्यता की स्थिति में भी उड़ान संचालन हो सकता है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने घने कोहरे के कारण कई स्थानों पर दृश्यता का स्तर शून्य मीटर तक पहुंच जाने के बीच लोगों को अनावश्यक यात्रा से बचने और वाहन चलाते समय सावधानी बरतने की सलाह दी है।
आईएमडी ने बताया कि अगले तीन दिन तक उत्तर भारत में घने से बहुत घने कोहरे की स्थिति बनी रहने की आशंका है। विभाग ने बताया कि अगले दो दिन तक उत्तरी मैदानी इलाकों में शीत दिवस से गंभीर शीत दिवस की स्थिति बनी रहेगी।
आईएमडी के अनुसार, ‘‘देश के उत्तर पश्चिम क्षेत्रों में तीन दिनों तक शीत लहर से लेकर गंभीर शीत लहर की स्थिति जारी रहने की आशंका है।’’