बुधवार को राज्यसभा स्थगित होने के बाद 13 विपक्षी पार्टियों ने नेताओं ने मिलकर बैठक की और जनता से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा कराने के लिए एक राय से 2-3 दिन सत्र बढ़ाने की मांग की है। विपक्षी दलों का कहना है कि उन्हें सत्र बढ़ाने के लिए कोई आपत्ति नहीं है।
बता दें कि पिछले काफी दिनों से लोकसभा और राज्यसभा में हंगामे के कारण कोई काम नहीं हो पा रहा है। बुधवार को भी लोकसभा और राज्यसभा में कोई काम नहीं हो सका। इसके बाद 13 विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने मिलकर बैठक की।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष तथा कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि 13 राजनीतिक दलों के लोग मिले, दो का और समर्थन है। विपक्ष कानून बनाना चाहता है, बिल पास हो इसलिए दोनों सदनों के सांसदों ने चुना है। राज्यों ने चुना है कि जनता की समस्या का उठाएं। बजट सत्र में हम जनता की लड़ाई लड़ रहे हैं। बैंक फ्रॉड पर चर्चा चाहते हैं, सीबीएसई परीक्षा, 10-12 दिन से एससी/एसटी मुद्दा कानून को भटकाया गया और लोग मारे गए।
विपक्ष के एक दर्जन से ज्यादा दलों के नेताओं ने बुधवार को राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से मुलाकात कर राष्ट्रीय महत्व के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की मांग की। संसद के दोनों सदन में 20 दिन से गतिरोध बने रहने के बीच कांग्रेस, बसपा, सपा, द्रमुक, राकांपा और वाम दलों के नेताओं ने चर्चा नहीं होने के बारे में आपस में चर्चा की।
विपक्षी नेताओं ने नायडू और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से मुलाकात की और एससी-एसटी कानून, सीबीएसई परीक्षा पत्र लीक तथा पीएनबी घोटाले को जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग की। यदि सत्र को एक या दो दिन के लिए बढ़ा दिया जाए तो उसे कोई परेशानी नहीं होगी। जिन 13 दलों ने सत्र के मसले पर चर्चा की उसमें कांग्रेस, टीएमसी, एनसीपी, डीएमके, सीपीआईएम, सीपीआई, सपा, बसपा, राजद, आप, मुस्लिम लीग, केरला कांग्रेस और जेएमएम शामिल है। टीडीपी और एआईडीएमके ने बैठक शिरकत नहीं की लेकिन सामान्य मुद्दों पर समर्थन किया है।